जयपुर। एन्टी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने मारवाड़ में नशे के तस्कर को बेंगलूरु भागने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। तस्कर पर बाड़मेर पुलिस अधीक्षक ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। एएनटीएफ के महानिरीक्षक पुलिस विकास कुमार ने बताया कि बाड़मेर के धोरीमन्ना निवासी 25 वर्षीय जितेन्द्र को ऑपरेशन जिस्मन्ना के तहत गिरफ्तार किया गया। आईजी विकास कुमार ने बताया कि जितेन्द्र ने आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़कर अमीर बनने का सपना देखा। उसके माता-पिता ने उसे बेंगलूरु भेज दिया, जहां उसने अपने पिता के दोस्त की मोबाइल दुकान पर दो साल तक काम किया।
वहां वह कुख्यात मादक तस्कर प्रकाश के संपर्क में आया, जिसने उसे पहले ड्राइवर और फिर साझेदार बना लिया। जितेन्द्र ने स्मैक की तस्करी का धंधा बड़े स्तर पर शुरू कर दिया। तीन साल के आपराधिक जीवन में जितेन्द्र पर आठ मामले दर्ज हुए और वह तीन बार जेल भी गया। नशे का आदी होने के कारण वह बिस्तर पकड़ लिया और परिजनों ने उसे नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती कराया। ठीक होने के बाद वह फिर से धंधे में लौट आया।
25 हजार का इनाम घोषित होने के बाद वह भूमिगत हो गया और बेंगलूरु जाने की कोशिश करने लगा। एएनटीएफ ने उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी और अंततः उसे बाड़मेर से रवाना हुई बस में सोते हुए पकड़ लिया। ऑपरेशन जिस्मन्ना का नामकरण आरोपी के नाम और उसके कार्यों के आधार पर किया गया। आईजी ने बताया कि टीम को विशेष सम्मान दिया जाएगा।

