केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में प्रवासी पक्षियों की चहचहाट फिर से शुरू

जयपुर। भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, जिसे देश-विदेश के पक्षियों का स्वर्ग माना जाता है, एक बार फिर प्रवासी परिंदों की चहचहाट से गूंजने लगा है। जैसे-जैसे माइग्रेटिव पक्षियों की संख्या बढ़ेगी, वैसे-वैसे यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड के मौसम में साइबेरिया, यूरोप और एशिया के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में परिंदों का आगमन शुरू होगा। पर्यटन सीजन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं, क्योंकि अगले माह से यह सीजन शुरू होने वाला है।

यहां पर्यटक साइकिल, ई-रिक्शा और बोट्स के जरिए उद्यान की सुंदरता और पक्षियों का आनंद लेते हैं। जानकारी के अनुसार, यहां पर्यटकों की सुविधार्थ एक बड़ी और दो छोटी बोट्स उपलब्ध हैं, जिनका रिपेयरिंग कार्य चल रहा है। इस बार भी इन पर विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की आकर्षक चित्रकारी की जाएगी। प्रवासी पक्षी पेंटेड स्टॉर्क की संख्या करीब एक हजार से अधिक बताई जा रही है। रेंजर मनोज शर्मा ने बताया कि बड़ी बोट्स के जरिए जलमार्ग से भ्रमण करने का शुल्क 660 रुपए है, जबकि छोटी बोट्स का शुल्क 330 रुपए है।

यहां विभिन्न प्रजातियों के 350 से अधिक पक्षियों का अवलोकन किया जा सकता है। उद्यान में प्रवासी पक्षियों में पेंटेड स्टॉर्क की अच्छी खासी संख्या देखी जा रही है। बोट्स का रिपेयरिंग कार्य जारी है और इन पर विभिन्न पक्षियों की पेंटिंग्स बनाई जाएंगी। मानस सिंह, डीसीएफु

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