जानिए मृत्यु के बाद आत्मा कितने दिन धरती पर रहती है?

Kheem Singh Bhati
7 Min Read

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि मृत्यु के बाद आत्मा कितने दिन धरती पर रहती है। मृत्यु एक ऐसा विषय है जो हमें सभी का ध्यान आकर्षित करता है। जिस दिन हमारा जन्म होता है, उसी दिन से हमें मृत्यु का ध्यान रखना शुरू कर देना चाहिए।

एक बार मृत्यु हो जाने के बाद हमें अपने शरीर से अलग होना पड़ता है। लेकिन क्या आत्मा भी इसी समय शरीर से अलग हो जाती है या वह धरती पर एक अवस्था में रहती है? इस विषय पर बहुत से विचार हैं और आज हम इस विषय पर चर्चा करेंगे।

जानिए मृत्यु के बाद आत्मा कितने दिन धरती पर रहती है। मृत्यु के बाद आत्मा कितने दिन धरती पर रहती है? यह जानने के लिए हमें पहले यह जानना चाहिए कि आत्मा क्या होती है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो, आत्मा एक अविनाशी चेतना होती है। यह हमारे शरीर में नहीं होती, बल्कि हमारे शरीर के बाहर होती है।

जब हम मरते हैं तो हमारे शरीर का अंत होता है, लेकिन आत्मा अपने नए शरीर को ढूँढने के लिए उस विश्व में रहती है जो हमें देहांत के बाद मिलता है। इसीलिए हम देखते हैं कि अनेक लोग अपने देहांत से कुछ

समय के बाद वापस आते हैं। यह विश्व अपनी अपनी चर्चा वालों के लिए एक अलग स्थान होता है, जिसे विभिन्न धर्मों ने भिन्न भिन्न नाम दिए हैं। जैसे हिंदू धर्म में इसे प्रेतलोक कहते हैं जबकि इस्लाम में इसे आखिरत कहते हैं। यह आत्मा का नया शरीर तैयार करता है ताकि आत्मा फिर से जन्म ले सके।

अधिकतर लोगों का मानना है कि आत्मा देहांत के बाद 13 दिनों तक धरती पर रहती है। यह प्रारंभिक दिन होते हैं, जब आत्मा अपने शरीर से अलग होती है और अपने नए शरीर को ढूँढने के लिए तैयार होती है। इस समय में आत्मा को धरती पर बाँधने वाले रस्मों को पूरा करने का मौका दिया जाता है।

13 दिनों के बाद आत्मा को नए शरीर मिलते हैं जो उसे फिर से जन्म लेने के लिए तैयार करते हैं। यह शरीर उस स्थान पर निर्धारित होता है जहां आत्मा का नया जन्म होगा। इस समय आत्मा भी नए शरीर में प्रवेश करती है और फिर से संसार में जन्म लेने के लिए

यह बात ध्यान देने वाली है कि यह अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों में थोड़ा भिन्न हो सकता है। जैसे हिंदू धर्म में आमतौर पर जन्म लेने वाले बच्चों के नामकरण के बाद तीसवें दिन जनेऊ संस्कार किया जाता है, जो उनकी ब्रह्मचर्य अवस्था का अंत होता है। वहीं, इस्लाम में मौत के बाद शव को जलाने से पहले उसे गुस्ल कराना और फिर उसे दफन करना अनिवार्य होता है।

दरअसल, मृत्यु के बाद आत्मा की सच्ची गतिविधियों को हम अपने संस्कृति, धर्म और विश्वास के आधार पर समझते हैं। कुछ लोग इसे सामान्य भ्रम का मानते हैं जबकि कुछ लोग इसे एक स्पष्ट अवधारणा का समझते हैं। अंततः, इस विषय पर कोई निश्चित उत्तर नहीं है और हम इसे अपनी अपनी धार्मिक मान्यताओं और विश्वासों के आधार पर समझते हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि इस विषय पर क्या वास्तविक जानकारी है। दरअसल, आधुनिक विज्ञान के अनुसार, मृत शरीर से आत्मा या जीव, जैसा कि हम सभी जानते हैं, दुनिया से जाता है। इस बारे में कोई वैज्ञानिक सिद्धांत नहीं है।

हालांकि, बहुत से लोग यह मानते हैं कि आत्मा या जीव शरीर के साथ नहीं जाता है और उसका अलग से अस्तित्व होता है। इस विषय पर बहुत सी अनुभूतियों और अनुभवों की गवाही भी मौजूद है।

कुछ लोग दावा करते हैं कि मृत्यु के बाद आत्मा कुछ दिन तक धरती पर होती है और फिर उसे अलग स्थान पर जाना होता है। उन्हें मानते हुए, यह स्थान आत्मा के कर्मों और जीवनशैली के आधार पर निर्धारित होता है। कुछ लोग इसे पुनर्जन्म या रीजनरेशन के रूप में भी जानते हैं, जहां आत्मा फिर से जन्म लेती है।

यह सब बातें धार्मिक दृष्टिकोण से देखी जाएं तो इसका बहुत सम्बंध आत्मा के पुनर्जन्म विश्वास से है। हिंदू धर्म में प्रत्येक जीव का पुनर्जन्म होता है, जिसे संसार के चक्र में सम्मिलित होना कहा जाता है।

इस प्रक्रिया में, जीव के कर्म उसके अगले जन्म को निर्धारित करते हैं। इसलिए, हम कह सकते हैं कि मृत्यु के बाद आत्मा धरती पर अनिश्चित समय तक रहती है।

विभिन्न धर्मों और दर्शनों में मृत्यु के बाद आत्मा के स्थान के बारे में अलग-अलग विचार हैं। हिंदू धर्म में, यह माना जाता है कि मृत जीव का शव अगले तीन दिनों तक घर में रहना चाहिए। इसके बाद, शव को धरती पर नहीं रखा जाना चाहिए और उसे अंतिम संस्कार के लिए जलाया जाना चाहिए।

इसी तरह, इस्लाम धर्म में मृत शरीर को जलाना अनिवार्य है। यह माना जाता है कि शरीर के रूह का तत्काल रूप से स्वर्ग या नरक में जाना होता है।

जैन धर्म में भी, मृत शरीर को जलाना नहीं चाहिए। इसके बजाय, उसे वनस्पति विकास के लिए दिया जाना चाहिए। जैन धर्म में आत्मा के बारे में भी माना जाता है कि वह अचल है और अनंत है।

इस प्रकार, आत्मा के प्रकोप और उसकी स्थिति बहुत समय तक भी रह सकती है। इसलिए, कोई नहीं जानता कि आत्मा कब और कैसे धरती से दूर हो जाती है।

जानिए मृत्यु के बाद आत्मा कितने दिन धरती पर रहती है। यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा हो तो निहारिका टाइम्स को फॉलो करें। हमें फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर फॉलो करें। ताजा खबरों के लिए हमेशा निहारिका टाइम्स पर जाएं।

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