कोटा में सर्दी का प्रकोप, पहाड़ों में बर्फबारी की संभावना

कोटा। मानसून का सीजन समाप्त होने के बाद अब सर्दी आने वाली है। कोटा शहर समेत संभाग में इस बार सामान्य से अधिक सर्दी पड़ने की संभावना है। सर्दी का असर पहाड़ों में होने वाली बर्फबारी और उत्तरी हवाओं के कारण अधिक रहेगा। जबकि वर्तमान में हुई बारिश का दीर्घकालिक सर्दी पर असर नहीं पड़ेगा। प्रदेश के अधिकतर जिलों के साथ ही कोटा शहर व संभाग के अन्य जिलों में इस बार पिछले सालों की तुलना में गर्मी सामान्य से अधिक पड़ी। वहीं मानसून भी समय से पहले ही आ गया था।

जून के दूसरे सप्ताह में आए मानसून की जोरदार बारिश पूरे सीजन में हुई। जिसके परिणाम स्वरूप कोटा में इस बार औसत से काफी अधिक बारिश हुई। उसे देखते हुए इस बार सर्दी का सीजन भले ही देर से शुरु हो रहा है लेकिन अचानक से तेज सर्दी शुरु होगी। जिसका असर आने वाले सर्दी के सीजन में तीन माह नवंबर से जनवरी तक रहेगा। भूजल स्तर बढ़ने से खत्म हुई उमस। इस बार मानसून के सीजन में कोटा में औसत से अधिक बारिश होने व लगातार रिमझिम बारिश का दौर चला।

जिससे नदी तालाब व बांध पूरी क्षमता से भर गए। वहीं भूजल स्तर भी बढ़ गया। ऐसे में जमीन की नमी व उमस खत्म हो गई। जिससे आने वाले समय में ठंडी हवा चलने से मौसम में सर्दी का असर अधिक रहने की संभावना है। मौसम विभाग जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि कोटा समेत प्रदेश में जिस तरह से गर्मी व बारिश का सीजन अच्छा बीता है। उसे देखते हुए अनुमान है कि आने वाला सर्दी का सीजन भी अच्छा ही होगा यानि इस बार सर्दी भी सामान्य से अधिक पड़ सकती है।

लेकिन सर्दी का असर पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी और उत्तरी हवाओं पर निर्भर करेगा। यदि पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होती है तो वहां से उठने वाली हवाओं का असर राज्य पर भी पड़ेगा। यदि बर्फबारी जल्दी हो गई तो सर्दी तेज होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो पश्चिमी विक्षोभ के असर से बारिश हुई है उसका आने वाले सर्दी के सीजन पर उतना अधिक असर नहीं पड़ेगा। इस बारिश व बादलों के कारण सर्दी का असर कुछ दिन तो रह सकता है लेकिन इसका दीर्घकालिक असर नहीं रहेगा।

अधिकतम तापमान में कमी होने पर सर्दी अधिक होने की संभावना रहती है। जबकि न्यूनतम तापमान कम होने पर भी सर्दी का उतना असर नहीं पड़ता है। शर्मा ने बताया कि वर्तमान में कोटा में मौसम में हुए बदलाव के चलते अधिकतम तापमान सामान्य से कम बना हुआ है। जिससे सर्दी का असर बढ़ा है। आने वाले समय में भी यदि अधिकतम तापमान में कमी हुई तो सर्दी अधिक पड़ेगी। लेकिन इसका सही आंकलन आगामी 4 से 5 दिन बाद ही लगाया जा सकता है। दो दिन की बारिश ने बढ़ाई सर्दी।

कोटा शहर में तीन दिन पहले तक मौसम में गर्माहट बनी हुई थी। लेकिन जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ और 48 घंटे से अधिक समय तक लगातार बारिश हुई। साथ ही ठंडी हवा चली। उससे मौसम में अचानक से बदलाव हो गया। अधिकतम तापमान में दो दिन में 10 डिग्री की कमी हो गई। साथ ही न्यूनतम तापमान में भी कुछ कमी हुई है। जिससे अचानक से सर्दी बढ़ गई। रात के समय ही नहीं दिन में भी कूलर व पंखे बंद हो गए। अधिकतर लोगों ने गर्म कपड़े निकाल लिए। घर से बाहर निकलते ही लोग ठिठुरने लगे।

इस ठंडक का असर आने वाले सर्दी के मौसम पर भी नजर आएगा।

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