कोटा के वार्ड 43 में पार्क और सामुदायिक भवन की आवश्यकता

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कोटा। शहर के नगर निगम दक्षिण के वार्ड 43 में विकास कार्यों की स्थिति को देखें तो गलियों में सीसी का निर्माण और समय-समय पर विकास कार्य पार्षद द्वारा कराए गए हैं। वार्ड में सफाई प्रतिदिन होती है और कचरा गाड़ी भी रोजाना आती है। हालांकि, कुछ संकरी गलियों में कचरा गाड़ी नहीं पहुंच पाती, जिससे निवासियों को परेशानी होती है। रात के समय आवारा कुत्ते राहगीरों और बाइक सवारों का पीछा करते हैं। वार्ड में कुछ स्थानों पर सीसी सड़क के डिवाइडर टूटे हुए हैं, जो बाइक सवारों के लिए समस्या बन रहे हैं।

राहुल और लेखराज ने बताया कि सामुदायिक भवन की कमी के कारण मोहल्ले में विभिन्न आयोजनों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वार्ड की नालियों की गहराई कम होने से बारिश के समय पानी ओवरफ्लो होकर बाहर आ जाता है और नालियों की निकासी व्यवस्था भी सही नहीं है। घरों के पास से गुजरने वाली विद्युत लाइन, जो वार्ड की चमड़ा फैक्ट्री के पास से निकलती है, बारिश के समय में हादसे का कारण बन सकती है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि रात में आवारा कुत्ते वाहन चालकों का पीछा करते हैं, जिससे गिरने या चोटिल होने का खतरा रहता है। वार्डवासियों दिनेश कुमार और मुकेश ने कहा कि पार्क न होने के कारण बच्चों को खेलने और मॉर्निंग वॉक के लिए अन्य वार्ड के पार्क में जाना पड़ता है। टूटे डिवाइडर और नालियों के अधूरे ढकान वार्डवासियों के लिए समस्या बने हुए हैं, खासकर बारिश के समय। वार्ड का क्षेत्र शमा कॉलोनी, चमड़ा फैक्ट्री, हरिजन बस्ती, जेपी कॉलोनी आदि है।

निवासियों का कहना है कि आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को खतरा हो रहा है। महेंद्र कुमार ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य को भी नुकसान पहुंचा है। सत्यनारायण ने बताया कि वार्ड में कचरा पॉइंट की समस्या बनी हुई है, जिसका समाधान किया जाना चाहिए। इसरार मोहम्मद, पार्षद 43 ने कहा कि उनके कार्यकाल में सामुदायिक भवन का जीर्णोद्धार कर इसे आधुनिक बनाया गया है।

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