कोटा। नगर निगम कोटा उत्तर क्षेत्र के वार्ड नंबर 46 के हालात इन दिनों वार्डवासियों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वार्ड में कई विकास कार्य करवाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद कुछ गंभीर समस्याएं अब तक जस की तस बनी हुई हैं। इन समस्याओं ने न केवल क्षेत्र की सुंदरता को प्रभावित किया है बल्कि लोगों की दिनचर्या को भी कठिन बना दिया है।
वार्ड का एरिया नेहरू नगर हरिजन बस्ती, तेलघर, आर्य समाज, इमामबाडा वार्डवासी की उम्मीद नगर निगम और पुलिस प्रशासन जल्द ही इन समस्याओं पर ध्यान देकर ठोस कार्रवाई करें, ताकि वार्ड 46 एक स्वच्छ, सुरक्षित और विकसित क्षेत्र के रूप में पहचान बना सके। सामुदायिक भवन का अभाव वार्ड क्षेत्र में स्थित आर्य समाज भवन पूरी तरह जर्जर अवस्था में है। भवन की दीवारें टूट चुकी हैं, वहीं छत से प्लास्टर झड़ रहा है। भवन में न तो लाइट की उचित व्यवस्था है और न ही पानी की।
स्थानीय लोग लंबे समय से भवन के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह भवन कभी सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र हुआ करता था, मगर अब अपनी जर्जर स्थिति के कारण उपेक्षा का शिकार है। कचरा प्वाइंट बना समस्या जगह-जगह बनाए गए कचरा पॉइंट भी बड़ी समस्या का कारण बन गए हैं। सफाई व्यवस्था के अभाव में इन स्थानों पर गंदगी का अंबार लगा रहता है। कचरे से उठने वाली बदबू और मक्खियों-मच्छरों का प्रकोप वार्डवासियों के लिए असुविधा का कारण बना हुआ है।
कई बार शिकायत करने के बावजूद नगर निगम द्वारा स्थायी समाधान नहीं किया गया है। वार्ड में खुलेआम नशे का कारोबार वार्ड में सबसे गंभीर समस्या नशे के कारोबार की है। वार्डवासी बताते हैं कि इलाके में खुलेआम नशे का धंधा फल-फूल रहा है, जिससे युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया। नशे के कारण वार्ड में असामाजिक गतिविधियाँ बढ़ती जा रही हैं और आम नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
वहीं आवारा कुत्तों का आतंक भी वार्डवासियों की परेशानी बढ़ा रहा है। रात के समय कई बार कुत्ते लोगों पर हमला कर चुके हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों में दहशत का माहौल है। इनका कहना है वार्ड की समस्याओं को लेकर कई बार आवाज उठाने के बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं। आर्य समाज भवन के निर्माण का मुद्दा लंबे समय से अटका हुआ है—संस्था के पास जिम्मेदारी तो है, पर न तो निर्माण कार्य आगे बढ़ा और न ही किसी अन्य को करने दिया गया।
दूसरी ओर, कचरा गाड़ी रोजाना आने के बावजूद वार्डवासी कचरा उसमें नहीं डालते, जिससे गंदगी फैल रही है। वहीं, खुलेआम चल रहा नशे का कारोबार पुलिस प्रशासन की नजरों के बावजूद अनदेखा किया जा रहा है, जिससे वार्ड का माहौल लगातार बिगड़ता जा रहा है।

