कुलधरा गांव – भारत का भूतिया गांव जहां से एक रात में गायब हो गए थे 5 हजार लोग

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जैसलमेर। राजस्थान का कुलधरा गांव न केवल भारत का बल्कि दुनिया के भी सबसे भूतिया गांवों में से एक है। 200 साल के बाद भी ये गांव आजतक फिर से बस नहीं पाया है। इस लेख के जरिए पढ़िए उस कहानी के बारे में जहां 5000 लोगों ने गांव को रातों रात में खाली कर दिया था। राजस्थान के जैसलमेर शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित है ‘कुलधरा गांव’ जो पिछले 200 वर्षों से वीरान पड़ा है।

कहा जाता है कि इस गांव को 13वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मण समाज ने बसाया था। कभी गांव में काफी चहल-पहल रहती थी और उस समय का काफी विकासशील गांव था। गांव में ज्यादातर लोग सम्पन्न थे और खेती और व्यापार करते थे।

कुलधरा गांव – भारत का एक ऐसा भूतिया गांव जहां से एक ही रात में गायब हो गए थे 5 हजार लोग

कुलधरा गांव में शाम के बाद कोई इंसान नहीं रुकता।

लेकिन आज स्थिति यह है कि इस कुलधरा गांव में शाम के बाद कोई इंसान नहीं रुकता। स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां रात में भूतों का बसेरा रहता है। कुलधरा के आस पास के लोग मानते हैं कि कुलधरा एक शापित गांव है।

इतिहास के पन्ने पलटेंगे तो पाएंगे कि लगभग 200 वर्ष पूर्व सन् 1825 में जैसलमेर राजा का एक सशक्त दीवान था सालम सिंह। सालम सिंह कुलधरा के मुखिया की बेहद खूबसूरत बेटी के प्यार में पड़ गया और उससे शादी करना चाहता था।

कुलधरा गांव – भारत का एक ऐसा भूतिया गांव जहां से एक ही रात में गायब हो गए थे 5 हजार लोग

मुखिया द्वारा बेटी की शादी दीवान से ना करवाने पर दीवान ने बहुत भारी मात्रा में गांव पर कर और कड़े कानुन लगाने की धमकी दी थी। ऐसे में पालीवाल ब्राह्मण समाज के लोगों ने अपने मान – मर्यादा और आत्मसम्मान को महत्व देते हुए रक्षाबंधन के दिन गांव छोड़कर जाने का फैसला किया।

जिसमें कुलधरा सहित खाबा, खाबिया, काठोडी, आबुर, कन्डियाला, आसवा, दामोदरा सहित आस-पास के 84 गांव के लोगों ने साथ देते हुए रातों रात गांव को खाली कर दिया और जैसलमेर के आस-पास की दूसरी रियासत में चले गए। इसी कारण आज भी कुछ पालीवाल ब्राह्मण रक्षाबन्धन का त्यौहार नहीं मनाते हैं।

कुलधरा गांव – भारत का एक ऐसा भूतिया गांव जहां से एक ही रात में गायब हो गए थे 5 हजार लोग

इन 84 गांवों में से कुलधरा ही सबसे समृद्ध गांव था, क्योंकि यहां के लोग रेगिस्तान में अच्छी फसल पैदा करने की तकनीक जानते थे। आज भी कुलधरा में पालीवाल ब्राह्मणों के कुलदेवता बालाजी का बड़ा एवं सुन्दर मन्दिर है, लेकिन वर्तमान में मन्दिर के अन्दर किसी प्रकार की कोई मूर्ति नहीं है।

कुलधरा की तरह बाकी गांवों में भी ऐसे छोड़े गए मकान आज भी उजाड़ और वीरान पड़े हुए हैं लेकिन विख्यात केवल कुलधरा गांव ही हुआ।

कुलधरा गांव – भारत का एक ऐसा भूतिया गांव जहां से एक ही रात में गायब हो गए थे 5 हजार लोग

कहते हैं कि गांव छोड़ते वक्त उन ब्राह्मणों ने इस जगह को श्राप दिया था। जब से आजतक ये वीरान गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में है, जो अक्सर यहां आने वालों को अपनी मौजूदगी का अहसास भी कराती हैं।

इस गांव में एक मंदिर है और एक बावड़ी है, जो आज भी श्राप से मुक्त है। बताया जाता है कि शाम ढलने के बाद अक्सर यहां कुछ आवाजें सुनाई देती हैं। लोग मानते हैं कि वो आवाज 18वीं सदी का वो दर्द है जिनसे पालीवाल ब्राह्मण गुजरे थे।

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kheem singh Bhati is a author of niharika times web portal, join me on facebook - https://www.facebook.com/ksbmr
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