लेह हिंसा के बाद लद्दाख के पर्यटन पर गंभीर असर

By Sabal SIngh Bhati - Editor

लेह। लद्दाख के लेह में पिछले हफ्ते हुई हिंसा के बाद केंद्रशासित प्रदेश का पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लेह हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। होटल व्यवसायियों ने बताया कि लेह में अशांति के कारण कई लोगों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं, जिससे क्षेत्र का फलता-फूलता पर्यटन सीजन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हिंसा और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की हिरासत के बाद अधिकारियों ने पूरे लेह में कफ्र्यू लगा दिया था।

हालांकि 30 सितंबर के बाद कर्फ्यू में थोड़ी ढील दी गई है, लेकिन पुलिस, सीआरपीएफ सड़कों पर लगातार गश्त कर रहे हैं। ऑल लद्दाख टूर ऑपरेटर एसोसिएशन (एएलटीओए) के अध्यक्ष दोरजे स्टम्पा ने पुष्टि की कि उन्होंने कुछ बुकिंग रद्द होते देखी हैं। टूर ऑपरेटर को बुकिंग रद्द करने के लिये ग्राहकों के फोन आ रहे हैं। लद्दाख में पर्यटन राजस्व का मुख्य स्रोत है, जो इस क्षेत्र की 60 प्रतिशत से अधिक आय का जरिया है और यह आधी से अधिक आबादी की आजीविका का स्रोत है।

अकेले लेह जिले में ही 2,100 से अधिक आतिथ्य इकाइयाँ हैं, जिनमें होटल, गेस्टहाउस और होमस्टे शामिल हैं। आमतौर पर लेह में विभिन्न होटलों को शीत ऋतु के मद्देनजर पहले ही बंद कर दिया जाता है। एक होटल व्यवसायी ने बताया कि उसने मौजूदा स्थिति के कारण शीतकालीन बंदी से दस दिन पहले ही अपना होटल बंद कर दिया है, जिससे पर्यटन का चरम सीजन छोटा हो गया है, जो आमतौर पर अक्टूबर के मध्य तक रहता है।

पर्यटकों का आना पूरी तरह रुका नहीं है लेकिन कई पर्यटक बुकिंग अवधि से कम रुक रहे हैं और कुछ मध्य लेह जाने वाले मार्गों से बच रहे हैं। कोलकाता से आये एक पर्यटक ने कहा कि हम लेह रुकने के बजाय नुब्रा की ओर जा रहे हैं। अधिकारियों और होटल मालिकों का मानना है कि प्रदर्शन और बंद की खबरें जब भी देश में फैलती हैं तो पर्यटक अपनी सुरक्षा के लिहाज से अपनी बुकिंग रद्द कर देते हैं।

Share This Article
Exit mobile version