पटना। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटना स्थित ऐतिहासिक सदाकत आश्रम में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की विस्तारित बैठक में केंद्र सरकार और बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि भारत आज एक गंभीर और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है, जिसकी जिम्मेदार केंद्र की विफल कूटनीति, लोकतंत्र पर हमले और आर्थिक नीतियों की नाकामी है। खरगे ने कहा कि हम बिहार से, लोकतंत्र की जननी से, यह संकल्प दोहराते हैं कि हम संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।
उन्होंने बताया कि 85 साल पहले रामगढ़ में संविधान सभा का पहला प्रस्ताव पारित हुआ था और आज जब वोटर लिस्ट में हेराफेरी हो रही है तो बिहार से लोकतंत्र की नई लड़ाई शुरू की जाएगी। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा का हवाला देते हुए खरगे ने आरोप लगाया कि देशभर में दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के वोट जानबूझकर काटे जा रहे हैं, जिससे उनकी स्कॉलरशिप, पेंशन, राशन और अधिकारों की भी चोरी हो रही है।
खरगे ने विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा कि चीन से आयात पिछले 5 वर्षों में दोगुना हो गया है, जबकि स्वदेशी की बात सिर्फ चुनावी जुमला बन गई है। देश की अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा- नोटबंदी और गलत त्रस्ञ्ज ने देश को मंदी में धकेल दिया। रोजगार नहीं हैं, ग्रामीण उपभोग 50 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है और महंगाई चरम पर है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नीतीश कुमार और भाजपा की गठबंधन सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बिहार की बेरोजगारी दर 15% से ऊपर है, युवा पलायन कर रहे हैं और भर्ती घोटालों से वे सड़कों पर हैं। खेती तबाह है, चीनी मिलें बंद हैं, और बाढ़ प्रबंधन पूरी तरह फेल हो चुका है। जातिगत जनगणना और आरक्षण पर बोलते हुए खरगे ने सवाल किया कि बिहार विधानसभा से पारित 65% आरक्षण को अब तक संवैधानिक सुरक्षा क्यों नहीं दी गई।
उन्होंने कहा- जब कांग्रेस सरकार ने तमिलनाडु में 69% आरक्षण को संवैधानिक दर्जा दिया था तो बिहार में ऐसा क्यों नहीं हो रहा ? खरगे ने बिहार में बढ़ते अपराध, शिक्षकों की भारी कमी और स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि आज बिहार का आम नागरिक या तो शोषण झेलता है या इलाज के लिए राज्य से बाहर जाता है। उन्होंने अपने भाषण के अंत में कहा कि बिहार की जनता विकास, रोजगार, सामाजिक न्याय और सुशासन चाहती है और कांग्रेस पार्टी, अपने गठबंधन दलों के साथ मिलकर, यह सब देने को तैयार है।
आगामी विधानसभा चुनाव सिर्फ बिहार नहीं, पूरे देश के लिए मील का पत्थर बनेगा। यही से मोदी सरकार की उलटी गिनती शुरू होगी।