कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर SIR प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोकने का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है, “मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया इस चल रही प्रक्रिया को रोकने, बलपूर्वक कार्रवाई बंद करने, उचित प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करने, और वर्तमान कार्यप्रणाली एवं समय-सीमा का गहन पुनर्मूल्यांकन करने के लिए निर्णायक हस्तक्षेप करें। यदि इस मार्ग को अविलम्ब नहीं सुधारा गया, तो व्यवस्था, अधिकारियों और नागरिकों के लिए इसके परिणाम अपरिवर्तनीय होंगे।
चुनावी प्रक्रिया और हमारे लोकतांत्रिक ढांचे की अखंडता की रक्षा के लिए यह हस्तक्षेप न केवल आवश्यक है, बल्कि अनिवार्य भी है। यह एक ऐसा क्षण है जो ज़िम्मेदारी, मानवता और निर्णायक सुधारात्मक कार्रवाई की माँग करता है। मुझे विश्वास है कि आप बिना किसी देरी के, तदनुसार कार्य करेंगे।” भाजपा ने कसा तंज, जानें क्या कहा राज्य मंत्री और BJP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ममता बनर्जी कुछ भी तरीके से SIR बंद करवाने की कोशिश में लगी हुई है। और भी 12 राज्यों में SIR चल रहा है।
बिहार में SIR के बाद चुनाव भी हो गया है कोई भी डेथ का मामला सामने नहीं आया है मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि सिर्फ बंगाल में ही क्यों BLO प्रेशर में है? शुभेंदु अधिकारी ने कहा-ममता बनर्जी कौन होती हैं पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “ममता बनर्जी कौन होती हैं SIR को रोकने वाली? यह एक संवैधानिक संस्था पर सीधा हमला है। SIR कोई नई प्रक्रिया नहीं है, बल्कि देश में 9वीं बार हो रही है।
पहले दिन से ही वह लोगों को डरा रही हैं, मुख्य चुनाव अधिकारी पर व्यक्तिगत हमले कर रही हैं, मुख्य चुनाव अधिकारी को गालियाँ दे रही हैं। 1000 डेटा एंट्री ऑपरेटरों के आवंटन के लिए धन रोक दिया गया है, चुनाव आयोग द्वारा स्वीकृत पारिश्रमिक रोक दिया गया है… नहीं SIR, तो चुनाव नहीं होगा। अधिकारी ने कहा, अगर 7 फरवरी तक अंतिम मतदाता सूची नहीं होगी, तो अप्रैल में चुनाव नहीं होंगे और संविधान में लिखा है कि उसके बाद क्या होगा।
ममता बनर्जी सत्ता खोने के डर से हंगामा कर रही हैं क्योंकि मृत, फर्जी और अवैध मतदाताओं को हटाया जा रहा है… जब 1 करोड़ से ज़्यादा मतदाता हटाए जाएँगे, जो या तो मृत हैं, फर्जी हैं या अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं, तो वह कैसे जीतेंगी… टीएमसी और भाजपा के बीच सिर्फ़ 22 लाख वोटों का अंतर है…

