जयपुर। इस बार मानसून का सीजन लंबे समय तक रहने के कारण माइक्रो इंसेक्ट बाइटिंग यानी अत्यंत छोटे कीटों के काटने के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। चिकित्सकों के अनुसार यह छोटी कीटें खास तौर पर नमी वाले वातावरण में तेजी से सक्रिय हो जाती हैं और लोगों में एलर्जिक प्रतिक्रिया पैदा करती हैं। आंकड़ों के अनुसार शहर के सवाईमानसिंह अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में हर लगभग 10 में से चार मरीज इसी समस्या के लिए आते हैं।
इन छोटे कीटों के काटने से प्रभावित लोग पूरे शरीर पर लाल निशानों से परेशान हैं जिन मरीजों को एलर्जी होती है, उनमें तेज खुजली और शरीर के विभिन्न हिस्सों पर मच्छर काटने जैसे छोटे लाल धब्बे दिखाई देते हैं। ये निशान कई दिनों तक बने रहते हैं और मरीजों को नींद और दैनिक जीवन में कठिनाई पैदा कर सकते हैं। बचाव और एंटीहिस्टामिन दवाओं से इलाज चर्म रोग विशेषज्ञों के अनुसार घर के आस-पास पानी जमने न दें, खिड़कियों और दरवाजों पर जालियां रखें और हल्के, ढीले कपड़े पहनकर शरीर को ढकें।
इसके अलावा एलर्जिक प्रतिक्रिया वाले लोगों को एंटीहिस्टामिन दवाओं या डॉक्टर द्वारा सुझाए गए क्रीम का उपयोग करना चाहिए। सुबह-शाम ज्यादा खतरासीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अतुल ने बताया कि बारिश का लंबा मौसम और अधिक नमी इन छोटे कीटों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है। इसलिए विशेष रूप से शाम और रात के समय, जब कीट अधिक सक्रिय होते हैं। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह एलर्जी और खुजली गंभीर रूप ले सकती है।