नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जापान का दौरा करने के बाद अब चीन पहुंच चुके हैं। जहां तियानजिन एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी रविवार को तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन समिट में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी की चीन यात्रा राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर हो रही है। 7 सालों बाद एक बार पीएम मोदी चीन की धरती पर पहुंचे हुए हैं। प्रधानमंत्री का ये दौरा अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इससे भारत-चीन संबंधों पर जमी बर्फ पिघलेगी।
इस दौरान ढट मोदी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, चीन के तियांजिन पहुंच गया हूं। एससीओ शिखर सम्मेलन में चर्चा और विभिन्न वैश्विक नेताओं के साथ मिलने के लिए उत्सुक हूं। मोदी की पिछले सात वर्षो में यह पहली चीन यात्रा और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पिछले एक वर्ष में दूसरी मुलाकात होगी। एससीओ के बारे में उन्होंने कहा भारत एससीओ का सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है।
अपनी अध्यक्षता के दौरान, हमने नवाचार, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में नए विचार रखे हैं और सहयोग की पहल की है। उन्होंने कहा कि भारत साझा चुनौतियों का समाधान करने और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए एससीओ सदस्यों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी यात्रा भारत के राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाएगी।
उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि जापान और चीन की मेरी यात्राएँ हमारे राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाएँगी, और क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति, सुरक्षा तथा सतत विकास को आगे बढ़ाने में फलदायी सहयोग के निर्माण में योगदान देंगी। प्रधानमंत्री अपनी दो-राष्ट्र यात्रा के दूसरे और अंतिम चरण में जापान से इस चीनी शहर पहुंचे हैं। पीएम मोदी शिखर सम्मेलन से इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और कई अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं।
तियानजिन की अपनी यात्रा से पहले पीएम मोदी ने कहा कि विश्व आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए भारत और चीन का मिलकर काम करना जरूरी है। जापान के योमिउरी शिंबुन को दिए एक साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर पूवार्नुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
इससे पहले शुक्रवार को प्रकाशित साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा, ‘विश्व अर्थव्यवस्था में मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत और चीन के लिए विश्व आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए मिलकर काम करना भी जरूरी है। पीएम मोदी की चीन यात्रा चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के एक पखवाड़े से भी कम समय बाद हो रही है।

