गणेश चतुर्थी पर पीएम मोदी की आत्मनिर्भरता की अपील

By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गणेश चतुर्थी पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि इन उत्सवों पर ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ का ध्यान रखते हुए आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद को और मजबूत बनाना है। मोदी ने रविवार को “मन की बात’ की 125वीं कड़ी के प्रसारण में कहा कि इस समय देश-भर में ‘गणेश उत्सव’ की धूम है। आने वाले दिनों में बहुत सारे त्योहारों की रौनक होगी। उन्होंने त्योहारों के अवसर पर देशवासियों से अपील करते हुए कहा इन त्योहारों में आपको स्वदेशी की बात कभी भी भूलनी नहीं है।

उपहार वही जो भारत में बना हो पहनावा वही जो भारत में बुना हो, सजावट वही जो भारत में बने सामान से हो, रोशनी वही जो भारत में बनी झालरों से हो- और भी ऐसा बहुत कुछ जीवन की हर जरूरत में सब कुछ स्वदेशी हो। गर्व से कहो ये स्वदेशी है, गर्व से कहो ये स्वदेशी है, गर्व से कहो ये स्वदेशी है। इस भाव को लेकर हमें आगे चलना है। एक ही मंत्र वोकल फ़ॉर लोकल, एक ही रास्ता, आत्मनिर्भर भारत, एक ही लक्ष्य विकसित भारत।

प्रधानमंत्री ने खुशियों के पर्वों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि इन खुशियों के बीच आप सभी स्वच्छता पर जोर देते रहें, क्योंकि जहां स्वच्छता है, वहां त्योहारों का आनंद भी और बढ़ जाता है। ‘मन की बात’ के लिए अपने संदेश भेजते रहिए। आपका हर सुझाव इस कार्यक्रम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अपना फीडबैक भी मुझ तक जरूर पहुचाते रहें। दुनिया भर में भारतीय संस्कृति का प्रभाव : मोदीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति का प्रभाव देखने को मिल रहा है।

मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि आप दुनिया के किसी भी कोने में चले जायें, वहां आपको भारतीय संस्कृति का प्रभाव देखने को जरूर मिलेगा और यह प्रभाव केवल दुनिया के बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे छोटे-छोटे शहरों में भी देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इटली के एक छोटे से शहर कैम्प-रोतोंदो में ऐसा ही देखने को मिला है। यहां महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा का अनावरण किया गया है। इस कार्यक्रम में वहां के स्थानीय महापौर सहित क्षेत्र के अनेक अहम व्यक्ति भी शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि कैम्प-रोतोंदो में रहने वाले भारतीय मूल के लोग महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा लगने से बहुत खुश हैं। महर्षि वाल्मीकि के संदेश हम सभी को बहुत प्रेरित करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में कनाडा के मिसीसागा में प्रभु राम की 51 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस आयोजन को लेकर लोगों में बहुत उत्साह था। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रभु श्रीराम की भव्य प्रतिमा के वीडियो खूब साझा किये गए।उन्होंने कहा कि रामायण और भारतीय संस्कृति के प्रति यह प्रेम अब दुनिया के हर कोने में पहुंच रहा है।

रूस में एक मशहूर स्थान है, व्लादिवोस्तोक बहुत से लोग इसे ऐसी जगह के रूप में जानते हैं, जहां सर्दियों में तापमान शून्य से 20 से 30 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गिर जाता है। उन्होंने कहा कि इस महीने व्लादिवोस्तोक में एक अनूठी प्रदर्शनी लगी, जिसमें रूस के बच्चों ने रामायण के अलग-अलग विषयों पर बनायी गयीं पेंटिंग को भी प्रदर्शित किया। यहां पर एक प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। मोदी ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भारतीय संस्कृति के प्रति बढ़ती जागरुकता देखकर वाकई बहुत प्रसन्नता होती है।

खेल दुनिया में जम्मू -कश्मीर को मिली पहचान : मोदीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि बाढ़ और तबाही की घटनाओं के बीच जम्मू -कश्मीर में हाल में खेलों के दो बड़े आयोजन हुए हैं जिन्होंने राज्य को खेलों की दुनिया में नई पहचान दी है। मोदी ने आकाशवाणी से रविवार को प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 125वीं कड़ी में कहा “ बाढ़ और बारिश की इस तबाही के बीच जम्मू-कश्मीर ने दो बहुत खास उपलब्धियां भी हासिल की हैं।

इन पर ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं गया लेकिन जब इन उपलब्धियों के बारे में जानेंगे तो बहुत खुशी होगी। राज्य के पुलवामा के एक स्टेडियम में पुलवामा का पहला डे नाईट क्रिकेट मैच खेला गया जिसमें रिकॉर्ड संख्या में लोग एकत्रित हुए। पहले ऐसा होना असंभव था लेकिन अब मेरा देश बदल रहा है। ये मैच ‘रॉयल प्रीमियर लीग’ का हिस्सा है, जिसमें जम्मू- कश्मीर की अलग-अलग टीमें खेल रही हैं।

इतने सारे लोग, खासकर युवा, पुलवामा में रात के समय, हजारों की तादाद में क्रिकेट का आनंद लेते दिखें-ये नजारा वाकई देखने लायक था।” मोदी ने राज्य के एक और खेल आयोजन का जिक्र करते हुए कहा “दूसरा आयोजन जिसने ध्यान खींचा, वो है देश में हुआ पहला ‘ खेलो इंडिया जल स्पोर्ट्स उत्सव’ और वो भी श्रीनगर की डल झील पर हुआ। सचमुच, ऐसा उत्सव आयोजित करने के लिए ये कितनी खास जगह है। इसका उद्देश्य है जम्मू-कश्मीर में जल क्रीड़ा को और लोकप्रिय बनाना है। इसमें पूरे भारत से 800 से अधिक एथलीटों ने हिस्सा लिया।

महिला एथलीट भी पीछे नहीं रही और इसमें उनकी भागीदारी भी लगभग पुरुषों के बराबर थी। मैं उन सभी खिलाड़ियों को बधाई देना चाहता हूँ जिन्होंने इसमें भाग लिया। विशेष बधाई मध्य प्रदेश को, जिसने सबसे ज्यादा मेडल जीते, उसके बाद हरियाणा और ओडिशा का स्थान रहा। जम्मू-कश्मीर की सरकार और वहाँ की जनता की आत्मीयता और मेहमान नवाजी की मैं भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूँ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस खेल उत्सव का अनुभव लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने ऐसे दो खिलाड़ियों से बात की जिन्होंने इसमें हिस्सा लिया, उनमें से एक हैं ओडिशा की रश्मिता साहू और दूसरे हैं श्रीनगर के मोहसिन अली। मोदी से बातचीत करते हुए रश्मिता साहू ने कहा “मैं कैनोइंग प्लेयर हूँ। मैं 2017 से कैनोइंग शुरू किया था और मैंने राष्ट्रीय स्तर में नेशनल चैंपियनशिप और नेशनल गेम्स में हिस्सा लिया है। मेरे पास 41 मेडल्स है जिनमें 13 स्वर्ण पदक, 14 रजत और 14 कांस्य पदक हैं।

मैं जिस गाँव से आती हूँ उसमें खेल की कोई सुविधा नहीं है। नदी में बोटिंग करते कैनोइंग के बारे में पता चला था तो मैं जगतपुर में भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र गई और खेल से जुड़ी। मैं पहली बार कश्मीर गई थी। वहां पहले खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स आयोजित किया गया था। उसमें मेरे दो इवेंट थे और मैंने दोनों में गोल्ड मेडल हासिल किए हैं | मैं सब बच्चों से यही कहूंगी कि खेल को छोड़ो मत खेल से बहुत आगे जा सकते हैं।

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