मोहनगढ़ में दीपावली की रात हुए डबल मर्डर केस का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अनाज व्यापारी मदनलाल सारस्वत और उनके मुनीम रेवंतराम की हत्या करने वाले आरोपियों को पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी सुखविंदर सिंह ने पूछताछ में कहा, “घिनौना पाप हो गया, परिवार बर्बाद हो गया।” पुलिस ने बताया कि हत्या लूट की नीयत से की गई थी। वारदात से पहले आरोपी अपने परिवार को गांव से बाहर भेज चुके थे और अपनी मशीनें बेच दी थीं।
पूरी योजना के तहत व्यापारी से पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद के बहाने दोनों की हत्या की गई। जालोर एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि 20 अक्टूबर की रात व्यापारी और मुनीम की हत्या के बाद मामला जटिल लग रहा था। लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी और करीब 1,000 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले। तकनीकी जांच में सामने आया कि चार आरोपी वारदात से पहले बीकानेर पहुंचे, जहां उन्होंने अपने पुराने मोबाइल बंद कर दिए और नई सिम कार्ड लेकर मोहनगढ़ आए। वारदात के बाद वे सीधे पंजाब भाग गए।
इन सबूतों के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी सुखविंदर सिंह और उसके साथी अनमोलप्रीत सिंह को पंजाब से गिरफ्तार कर लिया। चौथा आरोपी परम सिंह अब भी फरार है। जांच में सामने आया कि आरोपी सुखविंदर का व्यापारी से पैसे का लेनदेन चल रहा था। दीपावली के मौके पर व्यापारी के पास बड़ी रकम होने की जानकारी मिलने पर उसने लूट की योजना बनाई। सुखविंदर ने अपने दो रिश्तेदारों के साथ वारदात का प्लान बनाया और परिवार को पहले गांव से बाहर भेज दिया ताकि किसी को शक न हो।
20 अक्टूबर की रात जब व्यापारी ने पैसे के लेनदेन से इंकार किया, तो आरोपियों ने पहले झगड़ा किया और फिर बेरहमी से दोनों की हत्या कर दी। हत्या के बाद वे व्यापारी की कार और नकदी लेकर फरार हो गए। पुलिस ने दोनों गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद 9.20 लाख नकदी बरामद की है। यह वही रकम है जो व्यापारी के पास बताई जा रही थी। हत्या में इस्तेमाल की गई कार पहले ही आरोपी गुरप्रीत से बरामद कर ली गई थी।
पुलिस अब यह पता लगा रही है कि क्या लूटी गई रकम का कोई हिस्सा खर्च या छिपाया गया है। पूछताछ में सुखविंदर सिंह ने कबूल किया, “हमारा कुछ पैसा सेठ पर बाकी था। पता था कि वह लाखों का लेनदेन करता है। लालच में आकर गलती कर बैठे। हमने सोचा, बस लूटकर निकल जाएंगे, पर जब विरोध हुआ तो सब बिगड़ गया। अब परिवार भी बर्बाद हो गया।” पुलिस के अनुसार, तीन आरोपी — सुखविंदर सिंह, अनमोलप्रीत सिंह और गुरप्रीत सिंह को पकड़ लिया गया है। जबकि परम सिंह अब भी फरार है।
एसपी के निर्देश पर विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो तकनीकी सर्विलांस की मदद से उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही हैं। संभावना जताई जा रही है कि वह पड़ोसी राज्य की ओर भागा है। एसपी शिवहरे ने बताया कि मोहनगढ़ डबल मर्डर केस पुलिस के लिए चुनौती था। लेकिन टीम ने तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर तंत्र की मदद से मामले की तह तक पहुंचकर अपराधियों को दबोच लिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की संगठित वारदातों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और फरार आरोपी को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

