मध्य प्रदेश में सोयाबीन के भावांतर योजना के तहत रेट में वृद्धि

मध्य प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए एक सकारात्मक समाचार है। राज्य सरकार द्वारा सोयाबीन के मॉडल रेट में लगातार वृद्धि की जा रही है। भावांतर योजना 2025 के अंतर्गत सोयाबीन विक्रेता किसानों के लिए 19 नवंबर को 4263 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया है। यह मॉडल रेट उन किसानों के लिए है जिन्होंने अपनी सोयाबीन की उपज मंडी प्रांगणों में विक्रय की है। इस मॉडल रेट के आधार पर ही भावांतर की राशि की गणना की जाएगी।

पिछले साल सोयाबीन का भाव 4800 रुपए था, इस बार किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल का लाभ देकर 5300 रुपए से अधिक कीमत पर सोयाबीन खरीदा जा रहा है। प्रदेश में 9 लाख से अधिक किसानों ने सोयाबीन बेचने के लिए पंजीयन किया है। 17 नवंबर को जारी हुआ सोयाबीन का पहला मॉडल रेट सोयाबीन के मॉडल रेट में लगातार वृद्धि जारी है। पहला मॉडल रेट 7 नवंबर को 4020 रुपए प्रति क्विंटल जारी किया गया था।

इसी तरह 8 नवंबर को 4033 रुपए, 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए, 11 नवंबर को 4056 रुपए, 12 नवंबर को 4077 रुपए, 13 नवंबर को 4130 रुपए, 14 नवंबर को 4184 रुपए, 15 नवंबर को 4225 रुपए, 16 नवंबर को 4234 रुपए, 17 नवंबर को 4236 रुपए तथा 18 नवंबर को 4255 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी हुआ था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 नवंबर को भावांतर योजनांतर्गत प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक 1.33 लाख किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपए की भावांतर राशि का अंतरित की है।

सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5328 रुपए राज्य सरकार की गारंटी है कि किसानों को हर हाल में सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य की 5328 रुपए प्रति क्विंटल की राशि मिलेगी। मॉडल रेट बढ़ने का आशय यह है कि मंडी में सोयाबीन का भाव बढ़ रहा है। मॉडल भाव पिछले चौदह दिन के सोयाबीन के बाजार भाव का भारित औसत है। एमएसपी से ऑक्शन भाव / मॉडल भाव के अंतर की राशि सरकार दे रही है और किसान के नुक़सान की भरपाई कर रही है।

प्रदेश में भावांतर योजना के सफल क्रियान्वयन ने किसानों को एमएसपी की राशि मिलने की गारंटी दी है। व्यापारियों को मंडी से व्यापार मिल रहा है, जो उपार्जन की वजह से प्रभावित हो जाता है। 9.36 लाख सोयाबीन उत्पादक किसानों ने कराया है पंजीयन। सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए लागू की भावांतर योजना के तहत 3 से 17 अक्टूबर तक शुरू हुए रजिस्ट्रेशन में 9.36 लाख किसानों ने पंजीयन करवाया है। प्रदेश में सात जिले उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर ऐसे हैं जहां 50-50 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है।

इसी तरह 21 जिलों से 10-10 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। प्रदेश में 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक सोयाबीन की विक्रय अवधि रहेगी। अगर एमएसपी से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो किसानों के घाटे की भरपाई भावांतर योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। फसल के विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के अन्तर की राशि सीधे राज्य सरकार देगी। सोयाबीन खरीदी के प्रथम मॉडल भाव की घोषणा 7 नवंबर 2025 को की जाएगी।

भावांतर योजना के लिए हेल्पलाइन नंबर राज्य शासन द्वारा प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई भावांतर योजना-2025 के अंतर्गत सोयाबीन की खरीदी में मदद के लिए हेल्पलाइन सुविधा भी शुरू की गई है। योजना के प्रभावी एवं सुचारू क्रियान्वयन के लिए किसान, व्यापारी संगठनों, मंडी बोर्ड / मंडी समितियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुविधा के लिए भावांतर हेल्पलाइन कॉल सेंटर प्रारंभ किया गया है। हेल्पलाइन का दूरभाष नंबर–0755-2704555 है। यह हेल्पलाइन 30 अक्टूबर 2025 से निरंतर योजना अवधि तक कार्यरत है।

हेल्पलाइन प्रतिदिन प्रातः 07 बजे से रात्रि 11 बजे तक निरंतर कार्य करेगी। योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी अथवा समस्या के समाधान के लिए कोई भी किसान, व्यापारी अथवा संबंधित व्यक्ति हेल्पलाइन से संपर्क कर सकता है।

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Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform
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