उदयपुर। राजीविका का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक व आर्थिक उन्नति के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन करना है। राज्य में 50.69 लाख ग्रामीण परिवारों को 4.25 लाख स्वयं सहायता समूहों, 31 हजार ग्राम संगठन एवं 1074 सीएलएफ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) से जोड़कर उन्हें वित्तीय सहायता एवं प्रशिक्षणों के माध्यम से उनकी आजीविका बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। महिलाओं की ओर से निर्मित उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री बढ़ाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म का उपयोग किया जा रहा हैं। अब महिलाओं को डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग कर अपने उत्पादों की सेल बढ़ाने पर फोकस करना होगा।
यह आव्हान कृषि मंत्री डा. किरोडीलाल मीणा ने राजीविका, ग्रामीण विकास विभाग एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के साझे में एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक एंटरप्रेन्योरशिप पर तीन दिवसीय नेशनल कांफ्रेन्स के शुभारंभ पर किया। कांफ्रेन्स में देश भर से विशेषज्ञ, नीति निमार्ता, उद्यमी तथा स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं शामिल हो रही हैं। कांफ्रेंस में कृषि एवं पशुधन उद्यमिता से ग्रामीण आजीविका के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने को लेकर मंथन किया जा रहा है। केबिनेट मंत्री डॉ.किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं राजीविका की पूरी बागडोर महिला अधिकारियों के हाथों में होना सकारात्मक संदेश है।
वर्तमान में 11.02 लाख महिलाओं को लखपति दीदी का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। राजस्थान महिला निधि के माध्यम से 39118 स्वयं सहायता समूहों की 125786 महिलाओं को राशि 555.77 करोड का ऋण उपलब्ध कराया गया। जनजाति क्षेत्र में एसएचजी आत्मनिर्भरता में सहायक मंत्री मीणा ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों खास कर उदयपुर संभाग में लोगों के पास खेती योग्य भूमि की कमी है। पशुपालन भी इतना नहीं है। ऐेसे में लोगों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता है। स्वयं सहायता समूह की अवधारणा इस क्षेत्र के लिए वरदान है।
उन्होंने सभी राजस्थान सहित देश भर आए अधिकारियों का आह्वान करते कहा कि जनजाति बहुल क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए। एमओयू पर हस्ताक्षरकार्यक्रम के दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सुविधा के लिए इंडियन बैंक और राजीविका के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। राजीविका की ओर से राज्य मिशन निदेशक नेहा गिरि और बैंक की ओर से एमडी शिव बजरंगसिंह ने हस्ताक्षर किए। मंत्री मीणा की उपस्थिति में एमओयू हस्तांतरण किया गया।
पहले दिन नवाचार और दिशा पर चर्चा शुभारंभ समारोह के बाद अलग-अलग सत्र हुए। इसमें पशुधन क्षेत्र के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का रूपांतरण तथा प्रोड्यूसर कलेक्टिव से बिजनेस कलेक्टिव तक ग्रामीण उद्यमों का विस्तार थीम पर प्रस्तुतिकरण हुआ।

