नक्सलवाद अब समाप्ति की ओर : अमित शाह

By Sabal SIngh Bhati - Editor

इस वर्ष अब तक 35 भगोड़ों का प्रत्यर्पण कर भारत लाने में सफलता केंद्रीय गृह मंत्री ने दोहराई नक्सलवाद को लेकर सरकार की नीति नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर स्थित अबूझमाड़ के पहाड़ी जंगल इलाके को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया। यह बड़ी घोषणा उस वक्त की गई जब 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया। शाह ने इन सभी का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने हिंसा छोड़कर भारत के संविधान में भरोसा जताया है, यह एक साहसिक और सराहनीय कदम है।

इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीाडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके दी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि आज छत्तीसगढ़ में 170, कल 27 और महाराष्ट्र में 61 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। दो दिन में कुल 258 कट्टर नक्सलियों ने हिंसा छोड़ दी है। शाह ने कहा कि यह दिखाता है कि मोदी सरकार की रणनीति से नक्सलवाद अब खत्म होने की कगार पर है। सरकार के अनुसार, यह घटनाएं देश में वामपंथी उग्रवाद के अंत की ओर बढ़ते कदम को दर्शाती हैं।

बता दें कि इससे एक दिन पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 27 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें 10 महिलाएं और दो खतरनाक पीएलजीए बटालियन-01 के सदस्य भी शामिल थे। वहीं, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि सीनियर माओवादी नेता मल्लोजूला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति/सोनू ने 60 अन्य नक्सलियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को सभी राज्य सरकारों से अपील की कि वे अपने-अपने राज्य की राजधानी में भगोड़े अपराधियों के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) स्थापित करें, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को सुचारू और प्रभावी बनाया जा सके। शाह ने कहा कि ऐसे प्रकोष्ठ की उपलब्धता नहीं होने से कई बार विदेशी न्यायालयों में भारत की ओर से पेश किए जाने वाले प्रत्यर्पण मामलों में मानवाधिकार और कारागार स्थितियों जैसे बहाने सामने आते हैं, जिससे प्रक्रिया जटिल हो जाती है।

वे यहां गुरुवार को आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के भगोड़े अपराधियों का प्रत्यर्पण- चुनौतियां और रणनीतियां के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। गृह मंत्री ने कहा कि भारत में लंबे समय से भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण के मामले में संगठित प्रयास और स्पष्ट रोडमैप का अभाव रहा है। उन्होंने कहा कि प्रक्रियाएं तो थीं लेकिन उनमें समन्वय और साझा दृष्टिकोण की कमी थी। अब यह सम्मेलन उस दिशा में नई शुरूआत है।

गृह मंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध रेड कॉर्नर नोटिस जारी होते ही उसका पासपोर्ट तुरंत जब्त या रद्द कर देना चाहिए ताकि वह देश छोड़ कर भाग न सके। उन्होंने कहा कि यदि पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में ही यह व्यवस्था जोड़ दी जाए तो भगोड़ों को वापस लाने में बहुत मदद मिलेगी। अमित शाह ने कहा कि भगोड़ों का एक वैज्ञानिक डेटाबेस तैयार किया जाना चाहिए, जिसे सभी राज्य पुलिस बलों के साथ साझा किया जा सके।

इस भंडार में यह विवरण होना चाहिए कि भगोड़ा किस अपराध में फरार हुआ, उसका नेटवर्क कहां-कहां है और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया किस चरण में रुकी है। उन्होंने सुझाव दिया कि नार्को, गैंगस्टर, वित्तीय और साइबर अपराधों के मामलों के लिए एक फोकस ग्रुप बनाया जाए, जिसे गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मार्गदर्शन में मल्टी एजेंसी सेंटर के माध्यम से संचालित किया जाए। अमित शाह ने बताया कि मोदी सरकार ने धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) को और सशक्त बनाया है।

पिछले चार वर्षों में दो अरब डॉलर की वसूली हुई है और 2014 से 2023 के बीच लगभग 12 अरब डॉलर मूल्य की संपत्तियां जब्त की गई हैं। उन्होंने कहा कि साल 2018 में लाए गए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर एक्ट) ने इस दिशा में सरकार को बड़ी कानूनी शक्ति दी है।

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