नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा की आत्महत्या की घटना पर शिक्षा मंत्री की कार्रवाई

जयपुर। मानसरोवर स्थित नीरजा मोदी स्कूल में कक्षा 4 की छात्रा नौ वर्षीय अमायरा के चौथी मंजिल से कूदकर खुदकुशी करने के मामले ने पूरे जयपुर शहर को झकझोर कर रखा है। शनिवार को स्कूल की चौथी मंजिल से गिरने के बाद घायल हुई अमायरा ने दम तोड़ दिया। रविवार को अमायरा का अंतिम संस्कार किया गया, गम और ग़ुस्से के माहौल में परिजन स्कूल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगा रहे थे।

पुलिस का कहना है कि अब अमायरा की मौत के मामले के खुलासे के लिए स्कूल प्रशासन का रवैया, साथी छात्राओं के बयान और परिजनों के आपसी विवाद लिए जा रहे हैं। पुलिस ने कब्जे में लिए सीसीटीवी फुटेज। मानसरोवर थाना पुलिस ने रविवार को स्कूल परिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों के फुटेज जब्त कर लिए हैं। एडिशनल डीसीपी ललित कुमार शर्मा और एसीपी मानसरोवर आईपीएस आदित्य काकड़े ने मौके पर पहुंचकर जांच की। थानाप्रभारी लखन खटाना ने कक्षा चार के शिक्षकों के बयान दर्ज किए।

खुलासा हुआ है कि अमायरा कक्षा के दौरान टीचर से वॉशरूम जाने की अनुमति लेकर गई थी जिसके बाद कुछ ही देर में वह चौथी मंजिल से नीचे गिरी हुई मिली। पुलिस अब स्कूल के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। पुलिस अब सोमवार को स्कूल खुलने पर अमायरा के कक्षा चार के सहपाठियों से भी बातचीत करेगी। घटना के बाद से छात्रा के माता शिवानी और पिता विजय गहरे सदमे में हैं।

घटना की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर 5 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक जयपुर करेंगे। कमेटी में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा जयपुर तथा मानसरोवर स्थित दो सरकारी स्कूलों राजकीय हायर सेकेंडरी स्कूल किरणपथ और महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय के प्रिंसिपलों को सदस्य बनाया गया है। अमायरा के दिल्ली निवासी मामा साहिल देव ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि घटना के बाद से लेकर रविवार शाम तक स्कूल स्टाफ का कोई सदस्य परिवार से मिलने नहीं आया।

न किसी ने फोन किया, न किसी ने अफसोस जताया। अमायरा सिर्फ नौ साल की थी मुस्कुराती, पढ़ने में तेज और नृत्य की शौकीन थी। अब उसकी खाली पड़ी बेंच और अधूरी कॉपियां हर किसी को रुला रही हैं। जहां माता-पिता का संसार उजड़ गया, वहीं समाज में यह सवाल गूंज रहा है, क्या स्कूल वाकई बच्चों की सुरक्षा को लेकर इतने लापरवाह हो गए हैं।

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