अररिया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद हटा दिए गए 65 लाख मतदाताओं में एक भी नाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोगों का नहीं है, जो चुनाव आयोग और उनकी मिलीभगत को दर्शाता है। गांधी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के नाम कटने के कारण अधिकांश राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग से सवाल पूछ रही हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र पार्टी है, जिसका कोई भी मतदाता सूची से बाहर नहीं हुआ और उन्होंने चुनाव आयोग के पास कोई शिकायत दर्ज नहीं की। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इसे मिलीभगत नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे? गांधी ने कहा कि वोटर अधिकार यात्रा की अपार सफलता यह दर्शाती है कि लोगों के बीच चुनाव आयोग के कार्यकलापों को लेकर रोष है। उन्होंने कहा कि बिहार के कोने-कोने में उमड़ रही भीड़ स्वाभाविक है और प्रायोजित नहीं है। लोग खुद चलकर आ रहे हैं और लोकतंत्र बचाओ अभियान में हिस्सा ले रहे हैं।
गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक में वोट चोरी से संबंधित सवालों का चुनाव आयोग ने जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से सवाल पूछना भी गुनाह है और उसी सवाल पर पक्ष और विपक्ष के लिए आयोग का रवैया अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि जब मैंने वोट चोरी की बात की, तब चुनाव आयोग ने एफिडेविट मांगा, लेकिन वही सवाल भाजपा के नेता अनुराग ठाकुर ने पूछा तो उनसे कुछ भी नहीं मांगा गया।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चुनाव आयोग के पास हमारे सवालों का कोई जवाब नहीं है और उलटे हमारे ऊपर भ्रम फैलाने का आरोप लगा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यात्रा में आई भीड़ बता रही है कि हमारे सवाल जनता के सवाल हैं। गांधी ने कहा कि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात गरीब किसानों से हुई है। ज्यादातर किसान सरकार की अनदेखी से परेशान हैं और भविष्य में अगर उनके गठबंधन की सरकार आई तो किसानों की सुरक्षा के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी और उन्हें कर्ज से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
साथ में उनकी फसलों के भंडारण और उचित कीमत पर बिक्री की भी व्यवस्था की जाएगी। गांधी उस सवाल को टाल गए जिसमें पूछा गया कि तेजस्वी यादव ने आपको प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है और आप उन्हें बिहार में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कब घोषित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे गठबंधन में बढ़िया तालमेल है और फिलहाल हमारा ध्यान वोटरों के अधिकारों को सुरक्षित करने की तरफ है।

