नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली दंगों की साजिश में आरोपित उमर खालिद, शरजील इमाम और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई को फिर से टाल दिया है। जस्टिस अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि उन्होंने अभी फाइल नहीं पढ़ी है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी। सभी आरोपितों ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली बेंच ने 2 सितंबर को उमर खालिद, शरजील, अतहर खान, अब्दुल खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था। जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि अगर आरोपित देश के खिलाफ कार्रवाई करें तो उनके लिए बेहतर जगह जेल ही है। मेहता ने कहा था कि दिल्ली में दंगे पूर्व नियोजित थे।
दंगों की जिस तरह से योजना बनाई गई थी वो किसी को जमानत का हक नहीं देता है। ये कोई साधारण अपराध नहीं है बल्कि सुनियोजित दंगों की साजिश रचने का मामला है। मेहता ने कहा था कि दंगों की साजिश रचने के आरोपी इसका प्रभाव पूरे देश में देखना चाहते थे।
