अंग प्रत्यारोपण पर विशेषज्ञों की चर्चा, बागड़े ने कहा- लाखों की मृत्यु का कारण

जयपुर। राजधानी जयपुर के सीतापुरा स्थित जे ई सी आर सी के नोवोटेल कन्वेंशन सेंटर में महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी के सहयोग से जारी भारतीय अंग प्रत्यारोपण सोसायटी (ISOT) के 35वें वार्षिक सम्मेलन के तीसरे दिन वैज्ञानिक सत्रों, कार्यशालाओं और संवादों के माध्यम से अंग प्रत्यारोपण, क्रिटिकल केयर तथा मेडिकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नवीनतम प्रगतियों पर विचार-विमर्श हुआ। इसमें 22 देशों के 120 से अधिक विशेषज्ञों के व्याख्यान हो रहे हैं। 1500 से अधिक ट्रांसप्लांट सर्जंस और डॉक्टर्स हिस्सा ले रहे हैं।

कॉन्फ्रेंस का विधिवत उद्घाटन करते हुए राज्यपाल हरिभाई बागडे ने कहा कि हर साल देश में लाखों लोग अंगों की आवश्यकता होने और उनकी अनुपलब्धता के कारण मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। महर्षि दधीचि के देहदान से प्रेरणा लेते हुए समाज में अपनों की जान बचाने के लिए अंगदान करने में आगे आने की अपील की। अंगदान को उन्होंने महादान बताया। डॉ एम एल स्वर्णकार, आयोजन समिति के अध्यक्ष ने अंग प्रत्यारोपण में नीतिगत प्रयोग करने की अपील की।

आयोजन सचिव डॉ सूरज गोदारा ने बताया कि 5 लाख अंगदान नहीं होने के कारण मृत्यु हो जाती है देश में। ब्रेन डेथ के बाद गुर्दा, फेफड़े, आंत, लिवर, हृदय, त्वचा का दान किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बीमारी की पहचान शुरू में हो, पता लगाने पर इसे टालें नहीं। जानकारी बढ़ाने की आवश्यकता है। जागरूकता बढ़े। स्कूल समय से ही ऐसी जानकारी दी जानी चाहिए। कार्यक्रम में राज्यपाल ने अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले विशेषज्ञों को सम्मानित भी किया।

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