मोबाइल पर ओटीपी मांगने पर नंबर साझा न करें

Tina Chouhan

जयपुर। ‘यदि कोई आपके पास मोबाइल पर ओटीपी नम्बर मांग रहा है तो आप नम्बर शेयर मत कीजिए…यदि आपके एटीएम कार्ड की कोई जानकारी चाह रहा है या डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर आपको डरा रहा है तो डरने के बजाय उसकी सूचना थाने में दीजिए…’ कुछ ऐसी ही जानकारी राजस्थान साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग की ओर से असाक्षर लोगों को साक्षर करने के लिए चलाए जा रहे यू-ट्यूब चैनल पर सिखाई और बताई जा रही है। दरअसल, विभाग की ओर से डिजिटल और साक्षर करने के लिए दो चैनल चलाए जा रहे हैं-ई-साक्षरता और उल्लास राजस्थान।

ई-साक्षरता यू-ट्यूब चैनल पर विभाग की ओर से 73 वीडियो अपलोड किए हैं, जिसमें असाक्षर लोगों को वित्तीय, कानूनी, डिजिटल, आपदा, व्यावसायिक साक्षर करने की जानकारी दी जा रही हैं। वर्ष 2011 में 1.78 करोड़ असाक्षर, सभी को किया जाएगा डिजिटल साक्षर। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में 66.11 प्रतिशत साक्षरता थी, जिसमें 52.16 प्रतिशत महिलाएं और 79.19 प्रतिशत पुरूष शामिल थे। बाद में केन्द्र सरकार की ओर से चलाए गए ‘पढ़ना-लिखना अभियान’, ‘उल्लास साक्षरता कार्यक्रमों’ से प्रदेश में धीरे-धीरे साक्षरता दर बढ़ने लगी।

वर्ष 2026-2027 में सभी को साक्षर करने के साथ ही डिजिटल रूप से सक्षम बनाया जाएगा। कैसे चलता है साक्षर अभियान। विभाग की ओर से स्वयंसेवी शिक्षकों और असाक्षर (15 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति) को साक्षर करने के लिए स्वयंसेवी शिक्षक का चयन कर उसे असाक्षर लोगों की सूची दी जाती है, जिसे वह निर्धारित पाठ्यक्रम और डिजिटल रूप से सिखाता है। उसके बाद उसका एक टेस्ट होता है। स्कूलों में संचालित सामाजिक चेतना लेब का उपयोग भी असाक्षर लोगों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए किया जाता है।

कुछ इस तरीके से सिखाया जाता है स्वयंसेवी शिक्षक मोबाइल, लेपटॉप पर ई-साक्षरता से अनार, आम या अमरूद निकालकर यह सिखाता है कि यह चित्र अनार का है, लेकिन अनार कैसे लिखते हैं? वह यह भी बताता है कि आम में आ की मात्रा कैसे लगाई जाती है? इस विधि से असाक्षर लोगों को साक्षर किया जा रहा है। विभाग दो यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से असाक्षर लोगों को साक्षर और डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के कार्य में जुटा है।

विभाग ने 73 वीडियो अपलोड किए हैं, जिसमें सामान्य दिनचर्या और जीवन से जुड़ी अनेक छोटी-छोटी जानकारी वीडियो में दी गई हैं। आने वाले समय में सभी को डिजिटल रूप से सक्रिय किया जाएगा।-स्नेहलता हारीत, अतिरिक्त निदेशक, साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग, जयपुर।

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