जयपुर। राज्य सरकार ने धारा 69ए के तहत जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया है कि 2015 में जारी नियम की मूल भावना पुरानी हवेलियों, किलों, पुराने शहर के मकानों और ऐतिहासिक प्रतिष्ठानों को स्वामित्व दस्तावेज उपलब्ध करवाने की थी। अब ऐसे लोग जिनके पास वैधानिक स्वामित्व दस्तावेज नहीं हैं, लेकिन वे वर्षों से पुराने बाफ सेटलमेंट क्षेत्रों में रह रहे हैं, उन्हें भी 300 वर्गमीटर तक के पट्टे दिए जा सकेंगे।
इसमें उन व्यक्तियों को भी शामिल किया गया है, जिनके पास राजा-महाराजा या जागीरदारी कालीन पट्टे नहीं हैं, परंतु कब्जे के साक्ष्य जैसे बिजली-पानी के बिल, वोटर आईडी, राशन कार्ड या पुराने बेचान पत्र मौजूद हैं। मास्टर प्लान के अनुरूप उपयोग वाले क्षेत्रों में आवासीय संपत्तियों पर अधिसूचना 14 सितंबर 2025 के अनुसार शुल्क वसूल किया जाएगा, जबकि गैर-आवासीय उपयोग पर 500 रुपये प्रति वर्गगज की दर से पट्टे जारी होंगे। यह प्रावधान केवल बाफ सेटलमेंट की पुरानी आबादी पर लागू होगा।
जिला कलक्टर द्वारा बाद में जो राजकीय सिवायचक भूमि नगर निकायों को दी गई है, उसमें इस आधार पर कोई पट्टा जारी नहीं किया जाएगा。