नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारत आसियान शिखर सम्मेलन में अपने प्रारंभिक वक्तव्य में 21वीं सदी को भारत और आसियान की सदी बताया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा आसियान केंद्रित और हिंद प्रशांत पर आसियान के दृष्टिकोण का पूर्ण समर्थन करता रहा है। अपने वर्चुअल संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने 2026 को आसियान भारत समुद्री सहयोग वर्ष घोषित किया। उन्होंने कहा कि इक्कीसवीं सदी हमारी सदी है, भारत और आसियान की सदी है। मुझे विश्वास है कि आसियान कम्युनिटी विजन 2045 और विकसित भारत 2047 का लक्ष्य-पूरी मानवता के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अनिश्चितता के कठिन दौर में भी भारत और आसियान की व्यापक रणनीति की साझेदारी लगातार प्रगति कर रही है। ये मजबूत साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास का सशक्त आधार बनकर उभर रही है। उन्होंने कहा कि भारत हर आपदा में अपने आसियान मित्रों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। मानव सहायता एवं आपदा राहत, समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी में हमारा सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही हम एजुकेशन, टूरिज्म, साइंस एंड टेक्नॉलजी, हेल्थ, ग्रीन एनर्जी, और साइबर सिक्योरिटी में आपसी सहयोग को भी मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं।
अपनी साझा सांस्कृतिक विरासत को संजोने और जन संबंधों को मजबूत करने के लिए हम साथ मिलकर काम करते रहेंगे।

