धोरों में उपज रहे अनार फल, किसान बागवानी में ले रहे रूची 

Kheem Singh Bhati
4 Min Read
बाड़मेर: धोरों में उपज रहे अनार फल, किसान बागवानी में ले रहे रूची 

बाड़मेर/सिवाना। पश्चिमी राजस्थान में खेती में हुए नवाचार के बाद गत चार पांच सालों में किसान बागवानी में बढ़-चढ़कर रूची ले रहे हैं। बागवानी खेती में मिलने अच्छी पैदावार से समृद्ध हो रहे किसानों को देखकर अधिकांश किसान अनार की खेती करने में लगे हुए हैं। अनार के लिए वरदान मानी जाने वाली धोरों की धरती अब अनार के बागानों से लहलहा रही है।

कृषि कुओं व खेतों में खड़ी अनार की फसलों में जून-जुलाई माह में स्प्रे के बाद लगे पौधों पर अब फसल पक कर तैयार हो गई है, इससे किसान फसलें एकत्रित करने में जुट गए हैं। वहीं किसानों को भाव भी अच्छे मिलने लगे हैं। इससे जीवाणा सहित बड़ी मंडियों के व्यापारी पादरू ,जागसा, बुड़ीवाड़ा, कांखी, कुंडल, इंद्राणा सहित गांवों में डेरा जमाए हुए हैं।

इन  दिनों 70 से 120 रुपए तक अच्छी किस्म के अनार के भाव पहुंचने से किसानों के चेहरे भी खुशी से खिले हुए हैं। बालोतरा जिले के सिवाना उपखंड क्षेत्र में चार पांच सालों में बागवानी के बगीचे ज्यादा लगे है।

शुरुआती दौर में अनार की खेती में अधिक खर्च आने व उत्पादन में संशय को लेकर कुछ ही किसानों ने रूचि दिखाई, लेकिन धोरों की रेतीली जमीन व यहां का पानी उपयुक्त होने से एक-दो साल में हुई बंपर पैदावार से किसानों के समृद्ध होने पर धीरे-धीरे सभी किसान इसमें रूचि लेने लगे हैं।

क्षेत्र के कालान सराय में एक खेत में लगे अनार के पौधों से फल उतारते हुए बाहरी श्रमिक व  किसान परिवार
क्षेत्र के कालान सराय में एक खेत में लगे अनार के पौधों से फल उतारते हुए बाहरी श्रमिक व  किसान परिवार

नतीजन आज  सिवाना उपखंड क्षेत्र के हर गांव में अनार की बड़े स्तर पर खेती हो रही है। एक फसल लगाने के बाद तीन से चार साल तक उसी पौधे से पैदावार होने पर किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है। नवंबर के आधा माह व दिसंबर में तैयार फसलों से फल लेने का समय होता है, ऐसे में अब किसान परिवार व बाहरी श्रमिकों द्वारा की फल खुंटने में लगे हुए हैं।

निहारिका टाइम्स के संवाददाता शुक्रवार को पादरू क्षेत्र के कालान सराय में धोरों में लगे अनार के बगीचों में पहुंचे। जहां श्रमिकों द्वारा अनार फल उतारते नजर आएं।  वहीं श्रमिकों व किसानों से वर्तमान सीजन के बारें में बातचीत की ‌।

मंडियों में डिमांड होने से व्यापारी सीधे किसानों के खेतों तक पहुंच रहे हैं। क्वालिटी के हिसाब से दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। 300 ग्राम वजन से ऊपर की अनार के 100- 120 रुपए प्रति किलो व इससे कम वजन के फल 60-70 रुपए तक बिक रहे हैं। फसलें पकने से किसान परिवार इसे लेने में जुट गए हैं।

इन दिनों बागवानी में व्यापारी पहुंच रहे हैं वह किसानों से अनार के हिसाब से भाव लगाकर सौदा कर रहे हैं। वहीं व्यापारियों के साथ बाहरी श्रमिकों आकर खेतों से अनार फल खुंटने का कार्य भी जारी हैभागीरथ राम विश्नोई

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