डग कस्बे में नगरपालिका बनने के बाद स्वच्छता व्यवस्था की जो उम्मीदें थीं, वे धराशायी हो चुकी हैं। कस्बे की गलियों, सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। नालियां जाम होने से गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। बदबू और गंदगी के बीच आमजन जीने को मजबूर हैं। सब्जीमंडी में स्थिति इतनी खराब है कि व्यापारी और ग्राहक दोनों दुर्गंध से परेशान हैं। आवारा पशुओं का जमावड़ा, कीचड़ और सड़ांध से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगरपालिका बनने के बाद सफाई व्यवस्था में सुधार के बजाय गिरावट आई है। सफाईकर्मी नियमित नहीं आते और न ही कचरा उठाने की कोई ठोस व्यवस्था है।
इस स्थिति से डेंगू, मलेरिया और टायफाइड जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। कस्बे में कई लोग बुखार, उल्टी-दस्त और संक्रमण से पीड़ित बताए जा रहे हैं। हाल ही में जलदाय विभाग में कार्यरत ठेका कर्मी की डेंगू से मौत हो चुकी है, जिससे लोगों में चिंता और बढ़ गई है। नगरपालिका के ईओ ने कहा कि सब्जीमंडी और बस स्टैंड पर सफाई करवाई जाएगी। सब्जी विक्रेता राजू माली ने बताया कि सफाई समय पर नहीं हो रही है और वह बीमार हो रहे हैं। धापू बाई ने कहा कि इधर-उधर से कचरा सब्जीमंडी में डाल दिया जाता है और गंदगी से बीमारी लग रही है।
फल विक्रेता फिरोज खान ने कहा कि सफाई व्यवस्था पहले से भी खराब हो गई है। राकेश भाटी ने कहा कि बारिश में कूड़ा सड़ने लगता है जिससे बीमारियां फैल रही हैं।