जयपुर की गलियों में त्योहारों की तैयारी और शिल्प का संगम

Tina Chouhan

श्वेत मूर्तियों में रंग भरता समर्पण, त्योहार से आस चांदनी चौक में एक कलाकार जमीन पर बैठकर सफेद मूर्तियों को रंगों से सजाता है। धूप में चमकती ये मूर्तियां त्योहारों की रौनक बढ़ाने को तैयार हैं। पास रखे बर्तन और औजार इस पारंपरिक शिल्प की मेहनत और निरंतरता को दर्शाते हैं। ऐसा लगता है हर चमकते रंग में एक दमकती कहानी छिपी है। एक कलाकार सुनहरे रंग से मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहा है। खुले में सजी लंबी मेज पर रखी ये कलाकृतियां त्योहारों की भव्यता को दर्शाती हैं।

मास्क पहने यह शिल्पकार न केवल सौंदर्य, स्वास्थ्य का भी ध्यान रखता है— जैसे हर स्प्रे में समर्पण की एक अलग चमक है। बाजार में सजी गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियां दीपावली की तैयारी का प्रतीक हैं। कलाकार इन्हें ध्यानपूर्वक सजाते हैं ताकि श्रद्धालु इन्हें पूजा में शामिल कर सकें। हर मूर्ति में समृद्धि और शुभता की भावना है और इनकी व्यवस्था बाजार की धार्मिक ऊर्जा को जीवंत करती है। चौड़ा रास्ता के इस दृश्य में मिट्टी के दीयों के ढेर और रंगों की छटा देखते ही बनती है। यह दृश्य दीपावली की आत्मा को दर्शाते हैं।

यह दृश्य न केवल कला, आजीविका और आस्था का सुंदर संगम है। लोग इसे ठहरकर देखते हैं।

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