जयपुर। जनजाति बहुल क्षेत्रों में विकास कार्य और सरकारी सेवाओं की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने, शिकायत निवारण प्रणाली को प्रभावी बनाने और जनजाति वर्ग के अधिकारों की अक्षरश: पालना, उनके कल्याण और उत्थान के मामले में राजस्थान देश में नम्बर एक पर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के नेशनल कॉन्क्लेव में राज्य के जनजाति विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कुंजीलाल मीणा को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) में राजस्थान के देशभर में प्रथम रहने पर पुरस्कार प्रदान किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय जनजाति विकास मंत्री जुएल ओराम और राजस्थान के जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद एसीएस कुंजीलाल मीणा ने बताया कि इस अभियान में देश के 549 जिलों के 63,000 से अधिक जनजातीय बहुल गांव कवर किए गए हैं। राष्ट्रव्यापी जागरूकता और लाभ संतृप्ति अभियान के रूप में संचालित इस अभियान में 207 जिलों की 29,000 से अधिक विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) बस्तियां शामिल हैं।
मिशन के उद्देश्यों में व्यक्तिगत अधिकारों, हकों और प्रमुख सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना, दस्तावेजों और लाभों की घर-घर डिलीवरी सुनिश्चित करना, सामुदायिक लामबंदी के माध्यम से सहभागी शासन को बढ़ावा देना शामिल है। इसके साथ ही जनजातीय युवाओं को डिजिटल योद्धा और जमीनी स्तर पर परिवर्तन लाने वाले के रूप में सशक्त बनाना, गांव और बस्ती स्तर पर एससीडी स्क्रीनिंग, जागरूकता और परामर्श भी मिशन की प्रमुख गतिविधियों में शामिल रहा।
