राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल विमान में उड़ान भरी

By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को अंबाला वायु सेना स्टेशन से अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर इसे अविस्मरणीय अनुभव बताया और देश की रक्षा क्षमताओं पर गर्व व्यक्त किया। वह इससे पहले सुखोई-30 लड़ाकू विमान में भी उड़ान भर चुकी हैं, जिससे वह दो अलग-अलग लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली पहली राष्ट्रपति और लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाली दूसरी महिला राष्ट्रपति बन गईं। मुर्मू ने 7 अप्रैल 2023 को तेजपुर स्टेशन से सुखोई विमान में उड़ान भरी थी।

पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और ए पी जे अब्दुल कलाम भी सुखोई लड़ाकू विमान में उड़ान भर चुके हैं। राष्ट्रपति ने राफेल में लगभग 30 मिनट उड़ान भरी और लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय की। यह विमान समुद्र तल से लगभग 15,000 फुट की ऊंचाई पर और लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरा। ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने इसे उड़ाया।

मुर्मू ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि यह उनके लिए कभी न भूलने वाला अनुभव है और उन्होंने भारतीय वायु सेना और अंबाला वायु सेना स्टेशन की टीम को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी। राफेल में उड़ान को नारी सशक्तिकरण का बड़ा प्रतीक माना जा रहा है। राष्ट्रपति ने उड़ान भरने से पहले वहां मौजूद लोगों का अभिवादन स्वीकार किया और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह के साथ बातचीत की। हवाई अड्डे पर पहुंचने पर एयरफोर्स प्रमुख ने उनका स्वागत किया और बाद में राष्ट्रपति ने सलामी गारद का निरीक्षण किया।

राष्ट्रपति को उड़ान से पहले विमान और उड़ान के बारे में जानकारी दी गई और उनका मेडिकल चेकअप किया गया। राफेल में उड़ान भरने का एक महत्व यह भी है कि फ्रांस से खरीदे गए इस विमान को पहले स्क्वाड्रन के माध्यम से इसी हवाई अड्डे पर वायु सेना के बेड़े में शामिल किया गया था। राष्ट्रपति की उड़ान के दौरान स्क्वॉड्रन लीडर शिवांगी सिंह के साथ एक फोटो भी सामने आई, जबकि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शिवांगी को पकड़ने का दावा किया था। पीआईबी ने 10 मई को इस दावे को झूठा करार दिया था।

शिवांगी वाराणसी की निवासी हैं। मुर्मू के दौरे के समय एयरफोर्स स्टेशन के आसपास ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगाई गई थी। केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही एयरफोर्स स्टेशन में प्रवेश दिया गया।

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