प्रोजेक्ट टाइगर अगले महीने 50 साल पूरे करेगा

By
Sabal SIngh Bhati - Editor
3 Min Read

नई दिल्ली, 27 मार्च ()। विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रही बड़ी बिल्ली की सफलतापूर्वक रक्षा करने के लिए स्थापित प्रोजेक्ट टाइगर अगले महीने 50 साल पूरे कर लेगा।

वयोवृद्ध राजनेता और लेखक कर्ण सिंह ने 1960 के दशक के अंत में परियोजना को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब वह इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में थे और उन्हें राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों और भूवैज्ञानिक उद्यानों का विकास करने के लिए भारतीय वन्यजीव बोर्ड की अध्यक्षता संभालने के लिए कहा गया था। बोर्ड 1952 में सरकार को सुझाव देने के लिए स्थापित किया गया था।

कर्ण सिंह ने कहा, पहली बैठक केवल परिचयात्मक थी, लेकिन दूसरी बैठक में मुझे आश्चर्य हुआ कि तब तक शेर ही हमारा राष्ट्रीय पशु था, जो स्पष्ट रूप से हमारे राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ शेरों पर आधारित था।

लेकिन शेर भारत के केवल एक कोने में पाया जाता है, जबकि बाघ हिमाचल प्रदेश से लेकर केरल तक और गुजरात से मेघालय तक फैला हुआ है।

उन्होंने कहा, इसलिए, हमने अपनी बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें भारत सरकार से राष्ट्रीय पशु को शेर से बाघ में बदलने का अनुरोध किया गया। मैं प्रस्ताव को इंदिरा जी के पास ले गया, जिन्होंने इसे कैबिनेट से पारित करवाया और आवश्यक संशोधन किए। इस तरह बाघ के हमारे राष्ट्रीय पशु बनने के लिए मैं जिम्मेदार था।

प्रोजेक्ट टाइगर की अध्यक्ष प्रधानमंत्री थीं, कर्ण सिंह उपाध्यक्ष थे और राजस्थान के वन अधिकारी के.एस. शंखला को पहली परियोजना निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था।

कर्ण सिंह ने कहा, हमने नौ टाइगर रिजर्व के साथ शुरुआत की थी और मुझे 1 अप्रैल, 1973 को कॉर्बेट नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट टाइगर का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला था।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस समय देश में 54 बाघ अभयारण्य हैं, उत्तर प्रदेश में रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य को देश का 54वां और राज्य का चौथा बाघ अभयारण्य घोषित किया गया है।

परियोजना के कारण बाघों की संख्या 2006 में 1,411 से बढ़कर 2018 में 2,967 हो गई, जो वैश्विक बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत है।

/

देश विदेश की तमाम बड़ी खबरों के लिए निहारिका टाइम्स को फॉलो करें। हमें फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर फॉलो करें। ताजा खबरों के लिए हमेशा निहारिका टाइम्स पर जाएं।

Share This Article
Exit mobile version