जयपुर। नीरजा मोदी स्कूल में 1 नवंबर को 9 वर्षीय बच्ची अमायरा मीणा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में निरंतर बढ़ रहे जनाक्रोश के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा स्कूल को जारी कठोर शो कॉज नोटिस ने प्रबंधन की गंभीर लापरवाही को उजागर कर दिया है। नोटिस में सुरक्षा मानकों की अवहेलना, प्रोटोकॉल का पालन न होना, निगरानी तंत्र की विफलता और स्टाफ की कोताही जैसे गंभीर तथ्य सामने आए हैं, जिससे अभिभावकों में आक्रोश और बढ़ गया है।
संयुक्त अभिभावक संघ ने इसे स्कूल की वास्तविक लापरवाही का आधिकारिक प्रमाण बताते हुए कहा कि जो बातें माता-पिता और संघ पहले दिन से कह रहे थे, CBSE ने अब अपनी जांच में वही सत्य स्वीकार किया है। इतने बड़े सुरक्षा संकट के बावजूद स्कूल प्रबंधन बचाव और सफाई में ही लगा रहा, जबकि एक मासूम बच्ची की जान जा चुकी थी। प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि यह स्पष्ट प्रमाण है कि स्कूल में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी थी और प्रबंधन ने किसी भी कानूनी सुरक्षा मानक का पालन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि यह हादसा नहीं, प्रबंधन की गंभीर उपेक्षा का परिणाम है। अब राज्य के सभी स्कूलों में सुरक्षा की स्वतंत्र व न्यायिक जांच होना आवश्यक है। इधर, न्याय की मांग को लेकर 22 नवंबर को शहीद स्मारक पर विशाल विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च का आयोजन किया जा रहा है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि अमायरा के माता-पिता पिता विजय मीणा और माता शिवानी देव मीणा अभी शहीद स्मारक पर मौन धरने पर बैठे हुए हैं।
कैंडल मार्च में अमायरा के परिजन, संयुक्त अभिभावक संघ के पदाधिकारी, विभिन्न सामाजिक व अभिभावक संगठन, सैकड़ों अभिभावक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ शामिल हो रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि CBSE ने स्कूल को दोषी ठहराया है, लेकिन राज्य सरकार अब तक किसी ठोस कार्रवाई से बच रही है।

