पुष्कर। आंवला नवमी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में स्नान किया। महिलाओं ने आंवला के पेड़ की पूजा की और मंदिरों में जाकर आंवले का प्रसाद चढ़ाया। शुक्रवार को आंवला नवमी के दिन श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में ही पवित्र सरोवर में स्नान करना शुरू कर दिया। महिलाओं ने आंवले के पेड़ की पूजा की और पुष्कर सरोवर की परिक्रमा की। शाम होते ही महिलाएं सरोवर के घाटों पर जमा हो गईं और गऊ घाट की मुख्य आरती के साथ दीप जलाकर सरोवर में प्रवाहित किए।
विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले की रौनक अपने चरम पर है। एक ओर नए मेला मैदान में पशुओं की खरीद-फरोख्त चल रही है, वहीं दूसरी ओर पुराने मेला मैदान में देशी-विदेशी मेहमानों के बीच ग्रामीण खेलकूद और पशु प्रतियोगिताएं आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शाम को आयोजित हो रहे हैं। धार्मिक मेला 2 नवंबर से शुरू होगा। डुबकी लगाने में विदेशी श्रद्धालु भी पीछे नहीं हैं। विदेशी सैलानी पुष्कर सरोवर की पूजा अर्चना कर मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं। पूजा के बाद वे रेतीले धोरों में घूमकर यहां की छटा का आनंद ले रहे हैं।
मेले में अब तक 6209 पशुओं की आवक हुई है, जिसमें 4588 अश्व और 1571 ऊंट शामिल हैं। सबसे महंगा अश्व 4.60 लाख में बिका है। मेला अधिकारी ने बताया कि 2 नवंबर से पशु प्रतियोगिताएं शुरू होंगी। लंगड़ी टांग प्रतियोगिता में नागौर की पिंकू ने पहला स्थान प्राप्त किया। ऊंट शृंगार प्रतियोगिता में मांगीलाल का ऊंट प्रथम रहा।

