पुष्कर मेला 2025: भव्यता और संस्कृति का अद्भुत संगम

राजस्थान के सांस्कृतिक हृदय पुष्कर में एक बार फिर रंग, रस और परंपरा का अद्भुत संगम सजने जा रहा है। 30 अक्टूबर से शुरू होने वाला पुष्कर मेला 2025 इस बार पहले से कहीं अधिक भव्यता, लोक कला और धार्मिक आस्था के रंगों में डूबा होगा। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी मेला मैदान में ध्वजारोहण कर मेले का शुभारंभ करेंगी। शुभारंभ के बाद ब्रह्मा मंदिर में आरती के साथ पुष्कर मेला आधिकारिक रूप से आरंभ होगा। स्थानीय परिसर में हर तरह की सुरक्षा व्यव्यस्था के इंतजाम किए गए हैं। बाहर से आने वाले लोगों का खास ध्यान रखा जाएगा।

चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है, ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना घटे। बता दें कि आज का दिन शहर के लिए बेहद खास होने वाला है, क्योंकि लोग पूरी तरह आस्था और संस्कृति के रंग में डूबे रहेंगे। ब्रह्मा आरती से मेले की शुरुआत होगी और फिर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज के साथ एक सांस्कृतिक यात्रा निकलेगी।

राजस्थान से रूबरू होने का मौका स्थानीय कलाकार ऊंटों पर सवार होकर लोक नृत्य, झांकियों और संगीत के जरिए राजस्थान की लोक संस्कृति को जीवंत कर देंगे, जो कि देश-विदेश से आए पर्यटकों को राजस्थान से रूबरू कराएगी। इस साल मेला कई नए प्रयोगों का गवाह बनेगा। अतिरिक्त जिला कलक्टर ज्योति ककवानी के अनुसार, उद्घाटन समारोह में 101 नगाड़ों की एक साथ वादन की विश्व रिकॉर्ड प्रस्तुति और 51 कलाकारों द्वारा सामूहिक चरी नृत्य मेले की विशेष पहचान बनेगा। यह नजारा न केवल पर्यटकों को रोमांचित करेगा बल्कि पुष्कर की सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊंचाई देगा।

उत्सव जैसा माहौल उद्घाटन के दिन स्कूली छात्राओं द्वारा मांडना प्रतियोगिता और समूह नृत्य होंगे। शाम को पुष्कर सरोवर में दीपदान और रंगोली सजावट से पूरा वातावरण जगमगा उठेगा। शाम 6:30 बजे पुष्कर महाआरती का आयोजन होगा, जिसके बाद मेला मैदान में स्थानीय कलाकारों की ‘पुष्कर की आवाज़’ प्रस्तुति दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर देगी। 31 अक्टूबर को ऊंट श्रृंगार और ऊंट नृत्य प्रतियोगिता मेले का प्रमुख आकर्षण रहेगी। वहीं, पारंपरिक खेल गिल्ली डंडा, सतोलिया और लंगड़ी टांग स्थानीय बनाम विदेशी प्रतिभागियों के बीच खेला जाएगा। 1 नवम्बर को अश्व नृत्य प्रतियोगिता और कबड्डी मैच होंगे।

शाम को मेला मैदान में सुरस बैंड और नीरज आर्य का कबीर कैफे अपनी प्रस्तुति देंगे, जो लोक और आधुनिक संगीत का सुंदर संगम पेश करेगा। राजस्थान की समृद्ध संस्कृति, विरासत और जीवंत परंपराओं के भव्य उत्सव विश्व प्रसिद्ध “पुष्कर मेला 2025” में आपका सभी का हार्दिक स्वागत है। लोक नृत्यों की शाम 2 नवम्बर की सुबह गुरुद्वारा से मेला मैदान तक आध्यात्मिक पदयात्रा निकाली जाएगी। इसी दिन फूड एंड क्राफ्ट महोत्सव और गीर प्रदर्शनी का शुभारंभ होगा। शाम होते ही पुष्कर सरोवर में महाआरती का आयोजन होगा। इसके बाद मेला मैदान में राजस्थान के प्रसिद्ध लोक कलाकार मंच संभालेंगे।

पद्मश्री गुलाबो देवी के कालबेलिया नृत्य, भुंगर खान की डेजर्ट सिम्फनी, घूमर, चकरी और तेरहताली नृत्य से पूरा पुष्कर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठेगा। बॉलीवुड नाइट 3 नवम्बर को मेले में हास्य और रोमांच का मेल देखने को मिलेगा। सुबह लगान-शैली क्रिकेट मैच खेला जाएगा, जिसमें ग्रामीणों और विदेशियों की टीम आमने-सामने होगी। विदेशी सैलानियों के लिए पगड़ी बांधना, तिलक और मूंछ प्रतियोगिता भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी। दिनभर शिल्पग्राम में फूड एंड क्राफ्ट फेस्टिवल चलता रहेगा और शाम होते-होते माहौल संगीतमय हो जाएगा।

सरोवर घाट पर महाआरती के बाद मेला मैदान में रूप कुमार और सोनाली राठौड़ की बॉलीवुड नाइट दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर देगी।

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