जयपुर। इस साल मानसून की रिकॉर्ड बारिश ने राज्य के सड़क नेटवर्क को भारी नुकसान पहुंचाया। प्रदेश में 13 हजार किलोमीटर लंबाई से अधिक सड़कें टूट गई, जबकि छोटे-बडे 1200 से अधिक पुल क्षतिग्रस्त हुए। औसतन प्रति जिला 336 किलोमीटर लंबाई में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई अर्थात करीब 756 लाख रुपए का नुकसान हुआ। भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित सड़कों और पुलियाओं के पुनर्निर्माण की दिशा में अब तेजी से काम चल रहा है। जिलों के लिए राशि स्वीकृत कर दी गई है।
पीडब्ल्यूडी ने अधिकारियों और इंजीनियरों को फील्ड में तैनात करते हुए टाइमलाइन तय की है ताकि नए साल से प्रदेश में सड़क नेटवर्क का हुलिया बदला जा सके। एसडीआरएफ 2025 के तहत भेजे प्रस्ताव के अनुसार स्थितिक्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और भवनों की मरम्मत को लेकर राज्य सरकार को 41 जिलों का एसडीआरएफ 2025 के अन्तर्गत प्रेषित किए गए प्रस्ताव के अनुसार राज्य में सड़कों के 13781 कार्य प्रस्तावित हैं, जिनमें क्षतिग्रस्त सड़कों की लंबाई 31969.19 किमी बताई गई है, जबकि इसके लिए 31005.99 लाख रुपए की डिमांड की गई है।
इसी तरह 1262 क्षतिग्रस्त पुलों के लिए 4442.50 लाख रुपए और 290 भवनों की मरम्मत के लिए 1041.8 लाख रुपए अर्थात कुल 36490.37 लाख रुपए की डिमांड़ की गई। इसमें से 13378 सड़क कार्यों के लिए 28082.58 लाख रुपए स्वीकृत किए गए। इसके साथ ही पुलों और भवनों सहित कुल 29492.26 लाख रुपए स्वीकृत हुए। बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। पेच रिपेयर का कार्य 15 नवंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में विगत दो वर्षों में 24,976 करोड़ की लागत से 36,140 कि.मी.
लंबाई की सड़कों का विकास करवाया गया हैं।-प्रवीण गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पीडब्ल्यूडी

