राजस्थान नए आपराधिक कानूनों में बनेगा आदर्श राज्य: मुख्य सचिव

जयपुर। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि नए आपराधिक कानून न्यायिक प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने और आमजन को त्वरित न्याय दिलाने में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप राज्य में इन कानूनों का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि राजस्थान देशभर में एक रोल मॉडल बन सके। मुख्य सचिव सचिवालय में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन संबंधी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने पुलिस विभाग को अनुसंधान अधिकारियों को नए कानूनों की विस्तृत जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने और आमजन को जागरूक करने हेतु व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिए। पंत ने कहा कि नए प्रावधानों के तहत गवाहों के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से साक्ष्य, ऑनलाइन एफआईआर और सम्मन की प्रक्रिया न्याय प्रणाली को पारदर्शी और समयबचाऊ बनाएगी। इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम की स्थापना, फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण, पुलिस थानों पर हाई स्पीड इंटरनेट और पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराना जरूरी है। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि नए कानूनों की प्रक्रिया की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।

जिलास्तरीय अधिकारी लगातार समीक्षा बैठकों के माध्यम से चुनौतियों का समाधान करेंगे। उन्होंने विभागों के बीच समन्वय से क्रियान्वयन को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह भास्कर ए सावंत, शासन सचिव वित्त (व्यय) नवीन जैन, शासन सचिव आईटी अर्चना सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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