राजनाथ सिंह ने जैसलमेर में पाकिस्तान को दी चेतावनी

जैसलमेर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को उचित डोज दिया गया है। अब वह किसी भी प्रकार के मिस एडवेंचर करने से पहले 100 बार सोचेगा। यदि पाकिस्तान ने फिर से कोई गलत कदम उठाया, तो उसके परिणाम से वह भलीभांति अवगत है। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि इसे केवल स्थगित किया गया है। इसके बावजूद, हमें हर स्थिति में हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता है। रक्षा मंत्री जैसलमेर क्षेत्र में शौर्य पार्क के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

राजनाथ सिंह शाम को जैसलमेर पहुंचे, जहां उन्होंने शौर्य पार्क और कैक्टस पार्क का उद्घाटन किया। इन स्थलों पर भारतीय सेना के इतिहास, युद्धों और वीर जवानों की कहानियाँ प्रदर्शित की गई हैं। रक्षा मंत्री सुबह तनोट और लोंगेवाला जाएंगे, जहां वे जवानों से मिलेंगे और शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद वे आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे और शाम को दिल्ली लौटेंगे।

तीन दिन तक चलने वाली आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 23 से 25 अक्टूबर तक जैसलमेर में हो रही है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सेना के अधिकारियों के साथ देश की सुरक्षा व्यवस्था और सैन्य तैयारियों पर चर्चा करेंगे। यह सम्मेलन मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना कमांडरों की पहली बड़ी बैठक है। इससे पहले इसी माह दिल्ली में सम्मेलन का पहला चरण आयोजित किया गया था। अग्निवीरों की स्थायी सेवा बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। सेना के उच्च अधिकारियों का वार्षिक आर्मी कमांडर्स सम्मेलन इस बार सीमांत जिले जैसलमेर में आयोजित किया जा रहा है।

यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसमें देश की सैन्य नीति से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। सबसे प्रमुख अग्निवीरों की स्थायी नियुक्ति को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। अग्निवीर योजना की समीक्षा के अनुसार, पहले बैच के जवान अगले वर्ष अपनी चार वर्षीय सेवा पूरी करेंगे। इस बैठक में उनकी पुनर्नियुक्ति और भविष्य की योजना तय करने में मदद मिल सकती है। सम्मेलन में बढ़ती वेटरन (पूर्व सैनिक) संख्या को देखते हुए उनके अनुभव के उपयोग के विकल्पों पर भी चर्चा होगी।

सम्मेलन में थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच तालमेल और एकजुटता बढ़ाने के उपायों पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसमें साझा प्रशिक्षण, उपकरणों का मानकीकरण, लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन सुधार, कर्मियों का आपसी स्थानांतरण और सामाजिक संवाद बढ़ाने जैसे कदमों पर चर्चा होगी। इन प्रयासों का उद्देश्य भविष्य में थिएटर कमांड्स की स्थापना के लिए मजबूत आधार तैयार करना है। जैसलमेर सम्मेलन में सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की भी व्यापक समीक्षा होगी।

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