नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर भारत की यात्रा अब नीतियों और घोषणाओं से आगे बढ़कर ठोस कार्रवाई, महत्वपूर्ण प्रभाव और वैश्विक स्तर तक पहुंच गई है। सिंह ने देश में रक्षा विनिर्माण के अवसरों पर आयोजित सम्मेलन में आत्मनिर्भर भारत पहल की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत की यात्रा नीति से व्यवहार और नवाचार से प्रभाव की ओर बढ़ी है।
रक्षा मंत्री ने युवा उद्यमियों और नवप्रवर्तकों का उल्लेख करते हुए आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया और विश्वास व्यक्त किया कि वे इसी उत्साह और समर्पण के साथ इस क्षेत्र को आगे बढ़ाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जहां देश में विभिन्न क्षेत्रों में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न स्टार्टअप हैं वहीं रक्षा उद्योग में अभी तक किसी ऐसे यूनिकॉर्न की शुरूआत नहीं हुई है। आप सभी गतिशील, ऊर्जावान और महत्वाकांक्षी युवा हैं।
इसलिए जाने से पहले, मैं आप सभी से आग्रह करना चाहूँगा कि आने वाले समय में रक्षा क्षेत्र में खुद को एक यूनिकॉर्न के रूप में स्थापित करने का प्रयास करें। अपने रक्षा स्टार्टअप को यूनिकॉर्न में बदलने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ें। यह न केवल आपके लिए, बल्कि रक्षा क्षेत्र और पूरे देश के लिए भी गर्व की बात होगी।
सार्वजनिक खरीद नीति के तहत समावेशी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि रक्षा मंत्रालय की वार्षिक खरीद का कम से कम 25 प्रतिशत सूक्ष्म और लघु उद्यमों से किया जाएगा। अभी 350 से अधिक वस्तुएं ऐसी हैं जिन्हें केवल सूक्ष्म और लघु उद्यमों से ही खरीदा जा सकता है। इस तरह के नीतिगत सुधार लाकर, हम सभी विक्रेताओं को रक्षा आपूर्ति श्रृंखला के हिस्से के रूप में शामिल कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पिछले 10 वर्षों में सरकार की नीतिगत पहलों का भी उल्लेख किया।
