जल संसाधन मंत्री ने राम जल सेतु परियोजना की प्रगति की जानकारी दी

जयपुर। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने सचिवालय में पूर्वी नहर परियोजना (ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट), जिसे अब राम जल सेतु लिंक परियोजना के नाम से जाना जाता है, की समीक्षा बैठक के बाद कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि परियोजना के तीन चरणों में से दो चरणों को वन स्वीकृति (फॉरेस्ट क्लीयरेंस) भी प्राप्त हो चुकी है। मंत्री रावत ने कहा कि दिसंबर के पहले सप्ताह में वे स्वयं आरसीपी के मार्ग का निरीक्षण करेंगे।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार इस परियोजना की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिससे प्रदेश के 17 जिलों को जलापूर्ति और सिंचाई का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि “राजस्थान जो कभी मारु प्रदेश के रूप में जाना जाता था, अब राम जल सेतु लिंक और यमुना जल समझौते के बाद हरित प्रदेश के रूप में पहचान बनाएगा।” इस योजना से पहले लोगों को पेयजल और बाद में सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध होगा।

मंत्री ने कहा कि यह बहुत बड़ी परियोजना है, ऐसे में कार्यान्वयन के दौरान कुछ चुनौतियाँ आती हैं, परंतु विभाग उनका समाधान कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि तय समयसीमा में ही यह ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्ण होगा और राजस्थान के जल संसाधनों में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

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