रानी अवंती बाई का बलिदान और साहस का महत्व

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को नागपुर में लोधी क्षत्रिय लोक कल्याण फाउंडेशन कार्यक्रम में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की 194वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। गडकरी ने अवंतीबाई के बलिदान और साहस को याद करते हुए उन्हें भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना बताया। उन्होंने कहा कि रानी अवंतीबाई मध्य प्रदेश के रामगढ़ राज्य की रानी थीं। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ साहसपूर्वक युद्ध लड़ा। अंग्रेजों के सामने झुकने के बजाय अपने राज्य और स्वाभिमान की रक्षा के लिए उन्होंने शहादत को स्वीकार किया।

रानी अवंतीबाई उन पहली महिलाओं में से थीं, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका जीवन देशभक्ति, त्याग और शौर्य का प्रतीक है। ऐसी वीरांगनाओं की गाथाएं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती हैं। गडकरी ने उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया कि वे रानी अवंतीबाई के जीवन से प्रेरणा लेकर देश के प्रति निष्ठा और राष्ट्रवाद की भावना को अपने भीतर जागृत करें। यही रानी अवंतीबाई के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

उन्होंने अपने संबोधन के अंत में हाथ जोड़कर रानी अवंतीबाई को नमन करते हुए कहा कि उनके आशीर्वाद से समाज में राष्ट्र प्रेम और कर्तव्य भावना और अधिक गहराई से समाहित होगी।

Share This Article