छीपाबड़ौद। छीपाबड़ौद कस्बे से उतावली जाने वाली डामर सड़क महज छह महीने पहले ही बनाई गई थी। लाखों रुपये की लागत से बनी इस सड़क को लेकर ग्रामीणों ने बड़ी उम्मीदें लगाई थीं कि अब उन्हें आवागमन में राहत मिलेगी। लेकिन पहली ही बरसात ने हकीकत उजागर कर दी। सड़क जगह-जगह से उखड़ गई, गहरे गड्ढे बन गए और कई हिस्सों पर तो डामर पूरी तरह बह गया। यह नजारा देखकर ग्रामीणों में गुस्सा फूट पड़ा और भ्रष्टाचार का मुद्दा खुलकर सामने आ गया।
घटिया सामग्री और ठेकेदार की मनमानी का आरोप ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण के दौरान घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया और ठेकेदार ने मनमानी करते हुए काम पूरा किया। ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क उनके लिए जानलेवा साबित हो रही है क्योंकि जगह-जगह बने गड्ढों से आए दिन हादसे का खतरा बना रहता है। जनता का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बनवाने में जनता का पैसा लगा है और उसका हिसाब सरकार व प्रशासन को देना होगा।
उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भ्रष्टाचार को उजागर कर ठेकेदार से जवाब-तलब किया जाए। आंदोलन की चेतावनी ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे और मामला उच्चाधिकारियों तक ले जाएंगे। उनका कहना है कि सड़क पहली बरसात भी नहीं झेल पाई, इससे साफ है कि निर्माण में खुला भ्रष्टाचार हुआ है और जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे।
इस मुद्दे ने कस्बे और आसपास के क्षेत्रों में बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक जनता की गाढ़ी कमाई से वसूला गया टैक्स भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहेगा और अधिकारी लापरवाही का खेल जारी रखेंगे। ठेकेदार ने घटिया सामग्री डालकर सड़क बनाई। लाखों रुपये खर्च हुए लेकिन सड़क का हाल पहली बरसात में ही बिगड़ गया।- पुरुषोत्तम कुशवाह, ग्रामीण गड्ढों से हादसों का खतरा बना है।
अधिकारी ठेकेदार पर मेहरबान हैं, तभी घटिया काम पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।- नवल सिंह, ग्रामीण अगर जिम्मेदारों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो हम आंदोलन करेंगे और मामला उच्चाधिकारियों तक ले जाएंगे।- बृजमोहन, ग्रामीण सड़क पर आई समस्याओं की जानकारी विभाग को है। संबंधित फर्म को पूर्व में ही सूचित कर दिया गया है। बारिश उपरांत सड़क की मरम्मत करवा दी जाएगी।- नरेंद्र चौधरी, अधिशाषी अभियंता, पीडब्ल्यूडी विभाग

