कोटा की सड़कों की स्थिति गंभीर, राहगीरों के लिए खतरा

कोटा। शहर की प्रमुख सड़कें अब राहगीरों के लिए समस्या बन गई हैं। एक ओर गहरे गड्ढ़े वाहन चालकों को परेशान कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मोटी गिट्टियां राहगीरों को चोटिल कर रही हैं। बारिश के कारण सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जगह-जगह गड्ढ़े गहरे हो गए हैं। केडीए ने इन गड्ढ़ों को भरने के लिए कॉक्रीट युक्त ग्रेवल डलवाया था, लेकिन बारिश में यह बह गया और गिट्टियां सड़क पर फैल गईं। इससे वाहन चालकों और राहगीरों के लिए समस्या और बढ़ गई है।

गड्ढ़ों से गुजरते समय वाहनों में झटके लगने से लोगों को गर्दन से कमर तक दर्द हो रहा है। वहीं, गिट्टियों पर फिसलने से राहगीरों को चोटें आ रही हैं। बारां रोड पर स्थिति और भी खराब है, जहां भारी वाहनों के गुजरने से गिट्टियां उछलकर राहगीरों को चोटिल कर रही हैं। कोटा स्टोन व्यवसायी हेमेंद्र कुमार के अनुसार, बारां रोड स्टेट हाइवे से जुड़ा है, जिससे भारी वाहनों का आवागमन होता है। टायरों के दबाव से गिट्टियां तेजी से उछलती हैं, जिससे सड़क किनारे की दुकानों के कांच भी टूट जाते हैं।

मानपुरा के निवासी अजय रावत, सुनील गुप्ता और रमेश विजय ने बताया कि बारां रोड पर ट्रैफिक अधिक रहता है। केडीए ने गड्ढ़े भरने के लिए ग्रेवल डाला था, जो बारिश में बह गया और गिट्टियां सड़क पर बिखर गईं। इससे वाहन चालकों को दोहरी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढ़ों से बचने के प्रयास में वे गिट्टियों पर फिसलकर चोटिल हो जाते हैं। केडीए अधिकारियों ने शिकायत पर नगर निगम की सड़क होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया है। गड्ढ़ों से गुजरते समय वाहन चालकों को गर्दन दर्द से लेकर लकवे तक का खतरा रहता है।

यह समस्याएं वाहन की गति और गड्ढ़ों से लगने वाले झटकों पर निर्भर करती हैं। दुपहिया वाहन चालकों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। गड्ढ़ों के झटकों से गर्दन-कमर में दर्द, स्लिप डिस्क और रीढ़ की हड्डी में चोट का खतरा बढ़ जाता है। यदि वाहन चालक गिर जाता है, तो पैरों में लकवे का खतरा भी बढ़ जाता है। – डॉ. इकबाल, अस्थि रोग विशेषज्ञ कोटा। जहां-जहां गहरे गड्ढ़े हो रहे हैं, वहां गड्ढ़े भरने के लिए कॉक्रीटयुक्त ग्रेवल डलवाया जा रहा है। लेकिन वाहनों के आवागमन के दौरान गिट्टियां निकल जाती हैं।

बारिश के बाद क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की जाएगी। – रविंद्र माथुर, निदेशक अभियांत्रिकी केडीए। नया नोहरा स्थित बारां रोड की डामर सड़क जगह-जगह से उधड़ी पड़ी है। वाहनों के गुजरने पर गिट्टियां उछलकर दुकानों के शीशे तोड़ रही हैं। बरसात से पहले ही सड़कों पर गड्ढ़े हो रहे हैं। केडीए प्रशासन की लापरवाही से व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। – निखिल सोनी, उपाध्यक्ष, देवली अरब रोड व्यापार समिति। बोरखेड़ा से देवली अरब तक के मुख्य मार्ग कई जगहों से क्षतिग्रस्त हैं। गड्ढ़ों में पानी भरे रहने से गहराई का पता नहीं लग पाता।

वाहन गुजरने पर तेज झटका लगता है, जिससे गर्दन और कमर में दर्द बढ़ जाता है। – शोभाराम मेघवाल, राहगीर। बोरखेड़ा क्षेत्र की सड़कों पर अनगिनत गड्ढ़े हो रहे हैं, जिससे वाहनों का मेंटिनेंस बढ़ रहा है। – दीपक लश्करी, टेलर। बोरखेड़ा में सड़क किनारे बनाई गई नालियां सड़क से ऊंची हैं, जिससे जलभराव की समस्या बनी हुई है। – जीतेंद्र योगी, सचिव, व्यापार विकास समिति। कोटा विकास प्राधिकरण और नगर निगम दोनों ही अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं। मुख्य मार्गों पर ड्रैनेज सिस्टम नहीं होने से जलभराव की समस्या है।

दुकानों के आगे पानी जमा होने से ग्राहक भी नहीं आते। – कमलकांत, ज्वैलर्स व्यापारी। बोरखेड़ा, मानपुरा, नया नोहरा, देवली अरब, प्रताप नगर-प्रथम सहित कई इलाकों में गहरे गड्ढ़े और गिट्टियों से हो रही दुर्घटनाओं से केडीए अधिकारियों को अवगत कराया गया था। उन्होंने इन इलाकों की मरम्मत का काम नगर निगम द्वारा करवाए जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। – दीपक नामदेव, अध्यक्ष देवली अरब बोरखेड़ा विकास समिति।

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