कोटा। शहर और पूरे देश में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके द्वारा छोटे बच्चों समेत आम लोगों को काटने की घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को आदेश जारी करना पड़ा। इसमें कहा गया है कि खूंखार, पागल और रैबीज संक्रमित कुत्तों को सड़क पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा। कोर्ट के आदेश के पालन में नगर निगम कुत्तों को खाना खिलाने के लिए अलग से जगह बनाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और नगर निगमों को इस आदेश का पालन करने को कहा है। डॉग लवर्स ने कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले संशोधित आदेश जारी करते हुए बधियाकरण और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उसी जगह पर छोड़ने का आदेश दिया है। डॉग लवर्स का कहना है कि हर कुत्ता काटने वाला या हमलावर नहीं होता। किसी एक कुत्ते की सजा सभी को नहीं दी जा सकती। इंसानों में भी कानून है कि अपराध करने वाले को ही सजा दी जाती है। इसी तरह कुत्ते भी जीव हैं और उन्हें सुरक्षा का अधिकार है। कोर्ट का नया आदेश व्यवहारिक है। महावीर नगर निवासी उमा शर्मा का कहना है कि सभी कुत्ते एक जैसे नहीं होते।
कुत्ते सबसे अधिक वफादार होते हैं। पालतू ही नहीं, सड़क पर घूमने वाले कुत्ते भी रात में लोगों के घरों की रखवाली करते हैं। किसी भी तरह की अनहोनी होने पर वे भौंककर संकेत देते हैं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश सही है। दूसरी ओर, डॉग विरोधियों का कहना है कि आदेश में नया कुछ भी नहीं है। भीमगंजमंडी निवासी सुनीता नामा का कहना है कि आवारा कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि अब बच्चों और महिलाओं को भी घर से बाहर निकलने में डर लगने लगा है।
उनके क्षेत्र में इतने अधिक कुत्ते हैं कि उन्हें देखते ही छोटे बच्चों पर हुए हमलों की घटनाएं याद आ जाती हैं। कोर्ट को सख्ती करनी चाहिए। दादाबाड़ी निवासी महेश यादव का कहना है कि खूंखार और पागल कुत्तों की पहचान कैसे होगी। सभी कुत्ते खूंखार हो रहे हैं, इसलिए कोर्ट का यह आदेश व्यवहारिक नहीं है। नगर निगम द्वारा नियुक्त संवेदक फर्म के प्रतिनिधियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश और गाइडलाइन का पालन करते हुए स्ट्रीट डॉग का बधियाकरण और टीकाकरण कर उन्हें वापस उसी जगह पर छोड़ा जा रहा है।
अब कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर खाना नहीं डालने और खूंखार व पागल कुत्तों को शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया है। इसके लिए जगह की व्यवस्था करना सरकार और निगम प्रशासन की जिम्मेदारी है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश में नया कुछ नहीं है। बधियाकरण और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उसी जगह पर छोड़ने का काम पहले से ही किया जा रहा है। हां, वैक्सीनेशन को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, खूंखार कुत्तों को वापस नहीं छोड़ने का आदेश व्यवहारिक है।
सार्वजनिक स्थानों पर खाना नहीं डालने के मामले में लोगों को जागरूक किया जाएगा। खाना डालने की अलग से जगह बनाने के मामले में सरकार से जो भी आदेश प्राप्त होगा, उसकी पालना की जाएगी। – अशोक त्यागी, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर