अगर आपको डब्ल्यूटीसी फाइनल जैसे मैचों की तैयारी करनी है तो आपको आईपीएल का मोह छोड़ना होगा: शास्त्री

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द ओवल, 13 जून ()। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का मानना है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल जैसे मैचों की तैयारियों के लिए आदर्श रूप से कम से कम 20-25 दिन चाहिए होते हैं, लेकिन पूर्व कोच रवि शास्त्री का कहना है कि यह खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि वे आईपीएल चुनें या फिर ऐसे महत्वपूर्ण मैचों की तैयारी करें।

शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा, देखिए ऐसा कभी नहीं होने वाला है कि आपको किसी मैच या सीरीज की तैयारी के लिए 20-21 दिन मिले। अंतिम बार ऐसा 2021 के इंग्लैंड दौरे पर हुआ था, जब भारतीय टीम पहले टेस्ट से तीन सप्ताह पहले वहां पहुंच गई थी। इसका भारत को फायदा भी हुआ और वे सीरीज में 2-1 से आगे थे। लेकिन यह तभी संभव हो पाया था, जब कोरोना के कारण आईपीएल का दूसरा हाफ टल गया था। तभी इतना समय मिल पाया था।

उन्होंने आगे कहा, हमें यथार्थ में जीना होगा। आपको ये 20 दिन कभी नहीं मिलेंगे और अगर ऐसा होता है तो आपको आईपीएल छोड़ना होगा। यह अब खिलाड़ियों और बीसीसीआई पर निर्भर करता है। मुझे लगता है कि बीसीसीआई भी इस पर ध्यान देगा। अगर हर बार डब्ल्यूटीसी का फाइनल आईपीएल के एक सप्ताह बाद जून में पड़ता है तो फाइनल में पहुंचने वाले खिलाड़ियों के लिए कुछ शर्ते होनी चाहिए।

ना सिर्फ़ भारतीय कप्तान भारतीय भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने भी डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले व्यस्त शेड्यूल का हवाला दिया था और कहा था कि एक कोच के तौर पर वह ऐसी तैयारियों से बिल्कुल भी खुश नहीं हो सकते, लेकिन सच्चाई यही है कि उन्हें इससे अधिक समय मिल भी नहीं सकता है।

उन्होंने कहा था, शेड्यूल बहुत टाइट है। जब आप यहां पर तीन सप्ताह पहले आते हो और दो अभ्यास मैच खेलते हो, तब आपकी तैयारी बेहतर होती है। लेकिन यह सुविधा हमारे पास नहीं है। हालांकि यह कोई बहाना या शिकायत भी नहीं है।

भारतीय घरेलू क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो बेहतरीन कर रहे है, उन्हें बस ढूंढ़ने और सही मौका देने की जरूरत है।

भारत को अगले डब्ल्यूटीसी चक्र की शुरूआत जुलाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज से करनी है। इस साल अक्टूबर-नवंबर में 50 ओवर के विश्व कप को देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन को खिलाड़ियों का वर्कलोड मैनेजमेंट भी करना है। इसका मतलब यह भी है कि वेस्टइंडीज दौरे पर कुछ खिलाड़ियों को आराम भी दिया जा सकता है।

शास्त्री का मानना है कि यह सही मौका है जब कुछ युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जाए, जो आगे अनुभवी खिलाड़ियों की जगह भी ले सकें। उन्होंने भारतीय टीम प्रबंधन और चयनकतार्ओं से कुछ कठिन निर्णय लेने की भी बात कही।

उन्होंने कहा, थिंक-टैंक और चयनकर्ताओं को भविष्य को देखते हुए योजना बनानी होगी। ऑस्ट्रेलिया ऐसा कई वर्षों से करता आ रहा है। वे सिर्फ़ आज नहीं बल्कि अगले तीन साल की टीम बनाते हैं। वे इसका इंतजार नहीं करते कि अचानक से कुछ खिलाड़ी संन्यास लें या खराब फॉर्म में आएं और उनके पास कोई विकल्प ही ना रहे। उनकी टीम में युवा और अनुभव का मिश्रण है। वहां के युवा खिलाड़ी, अनुभवी खिलाड़ियों से तेजी से सीखते हैं। वहां का टीम प्रबंधन कठिन निर्णय भी लेता है, जिसको कई लोग पसंद नहीं करते, लेकिन वह टीम के हित में होता है। तभी उनकी टीम इतनी मजबूत है। यही योजना भारत को भी बनानी होगी।

कप्तान रोहित भी कहीं ना कहीं शास्त्री की बातों से सहमत नजर आते हैं। उन्होंने फाइनल के बाद पोस्ट मैच कॉन्फ्ऱेंस में कहा था, हमें कुछ सवालों का जवाब ढूंढ़ना होगा। घरेलू क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें बस ढूंढ़ने, तराशने और सही समय पर सही मौका देने की जरूरत है।

आरआर

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Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform
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