मुंबई: आजकल, UPI भुगतान हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। अधिकांश लोग अब नकद के बजाय UPI के माध्यम से भुगतान करना पसंद करते हैं, चाहे वह छोटी चाय की दुकान का बिल हो या बड़ी खरीदारी। छोटे दुकानदार भी अब भुगतान स्वीकार करने के लिए QR कोड का उपयोग कर रहे हैं। इन लेन-देन को सरल बनाने के लिए लोग Paytm, PhonePe और Google Pay जैसे ऐप्स का सहारा ले रहे हैं।
हर UPI भुगतान के बाद, ये ऐप्स अक्सर उपयोगकर्ताओं को एक मुफ़्त स्क्रैच कार्ड प्रदान करते हैं। इस कार्ड को स्क्रैच करके उपयोगकर्ता 5 रुपये से लेकर 100 रुपये तक का कैशबैक या डिस्काउंट जीत सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर ये कंपनियाँ लाखों उपयोगकर्ताओं को नकद दे रही हैं, तो उन्हें नुकसान क्यों नहीं होता? दरअसल, Paytm, PhonePe और Google Pay मुख्य रूप से उपयोगकर्ताओं को वफादार बनाए रखने के लिए स्क्रैच कार्ड का उपयोग करते हैं।
यह एक प्रकार की मार्केटिंग रणनीति है। जब लोग लेन-देन के बाद रिवॉर्ड पाते हैं, तो वे खुश होते हैं और भविष्य में उसी ऐप का उपयोग करने के लिए प्रेरित होते हैं। इसे सरल शब्दों में समझें, यह एक छोटे उपहार के समान है, जो उपयोगकर्ताओं को बार-बार आने के लिए प्रोत्साहित करता है। ये ऑफ़र नए उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने और मौजूदा उपयोगकर्ताओं को बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। हालांकि ये कंपनियां कैशबैक देती हैं, लेकिन लंबे समय में इन्हें घाटा नहीं होता। दरअसल, स्क्रैच कार्ड पर खर्च किया गया पैसा विज्ञापन लागत के रूप में माना जाता है।