एसएमएस अस्पताल में आग के बाद सुरक्षा उपायों में सुधार

जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर आईसीयू में आग लगने के बाद चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, बिना फायर फाइटिंग सिस्टम के प्राइवेट अस्पतालों को संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्थानीय निकायों को भी निर्देश दिए जाएंगे कि बिना एनओसी के भवन निर्माण की स्वीकृति न दें। गाइडलाइन में यह तय किया जाएगा कि कितने बैड्स वाले अस्पतालों के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम अनिवार्य होगा।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अम्बरीश कुमार ने इस मुद्दे पर आला अधिकारियों के साथ बैठक की है और गाइडलाइन पर चर्चा की है। यह गाइडलाइन संभवतः एक सप्ताह में तैयार हो जाएगी। नियमित मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा और फायर अलार्म की जांच की जाएगी। इसके अलावा, इले्ट्रिक फर्मों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। एसएमएस अस्पताल में आग लगने के समय फायर अलार्म नहीं बजा था, जिससे प्रशासन को सचेत होने में देरी हुई। अब अस्पतालों में नियमित मॉक ड्रिल होगी और फायर अलार्म का मेंटेनेंस समय पर किया जाएगा।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अस्पतालों में चौबीस घंटे फायरमैन तैनात रहेंगे और सेवानिवृत्त कर्मियों को इस कार्य में शामिल किया जाएगा। अस्पताल कर्मियों को भी फायर फाइटिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। सुरक्षा उपकरणों के लिए बजट दो दिन में मंजूर किया जाएगा। आईसीयू में ज्वलनशील पदार्थों को रखने पर रोक होगी और इमरजेंसी में कांच की खिड़कियों को तोड़ने के लिए हैमर लगाए जाएंगे। जहां फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है, वहां बेसिक डिवाइस लगाए जाएंगे। इमरजेंसी निकासी के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाएंगी।

एसएमएस अस्पताल की फायर ऑडिट की गई है और अन्य अस्पतालों में भी टीमें भेजी जाएंगी। आग से जलने के बजाय धुएं से दम घुटने की घटनाओं की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है।

Share This Article
Exit mobile version