जयपुर। राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत का मंगलवार सुबह अचानक केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के आदेश गए हैं। उन्हें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में सचिव नियुक्त किया गया है। पंत एक दिसंबर 2025 को नई जिम्मेदारी के लिए दिल्ली में जॉइन कर सकते हैं। सीएस के रूप में सुधांश पंत का कार्यकाल फरवरी 2027 तक था, लेकिन उन्होंने सेवानिवृत्ति से करीब 13 महीने पहले ही पद छोड़ दिया। वे एक जनवरी 2024 को राज्य के मुख्य सचिव बने थे। सुधांश पंत के जाने से राजस्थान में अब मुख्य सचिव की नई दौड़ शुरू हो गई है।
केंद्र ने क्यों बुलाया पंत को: सूत्रों के अनुसार, पंत राज्य और केंद्र के बीच एक अहम कड़ी के रूप में काम करते रहे हैं। मोदी सरकार ने उन्हें दिल्ली बुलाकर केंद्र की योजनाओं को समय पर पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में सामाजिक कल्याण की योजनाएं चलती हैं। ऐसे में अब सुधांश पंत के जिम्मे इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने का कार्य पीएम नरेंद्र मोदी ने उन पर विश्वास जताते हुए दिया है। पंत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी अफसरों में से एक माने जाते हैं।
कोरोना काल में भी केंद्र सरकार ने उनकी सेवाएं ली थीं। पद छोड़ने की वजहें: ब्यूरोक्रेसी के सूत्र बताते हैं कि राजस्थान में यह दूसरा मौका है जब किसी आईएएस अधिकारी ने मुख्य सचिव का पद छोड़ा है। पहले राजीव महर्षि थे जो मुख्य सचिव रहते हुए दिल्ली प्रतिनिधि पर बुलाए गए थे। पंत के इस्तीफे के पीछे उनके पसंद के अधिकारियों को पदस्थापन नहीं दिया जाना, विभागों की अहम फाइलें उनके पास नहीं आना बताया जा रहा है। सुधांश पंत 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने जयपुर में एसडीओ के रूप में 1993 में पहली पोस्टिंग संभाली थी।
इसके बाद वे जैसलमेर और झुंझुनूं के कलेक्टर रहे। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में उनका तीन बार तबादला हुआ था। वे पहले भी दिल्ली में सेवाएं दे चुके हैं, जब केंद्र ने उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया था।

