नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की सुनवाई के दौरान स्पष्ट संकेत दिए कि अगर जांच में यह स्थापित हुआ कि चुनाव आयोग ने अनुचित या गलत प्रक्रियाएँ अपनाईं तो अदालत पूरी SIR प्रक्रिया को रद्द कर देगी। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में छोटे-छोटे हिस्सों में राय नहीं दी जा सकती; अदालत का अंतिम निर्णय केवल बिहार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारतभर में SIR लागू होने पर उसका प्रभाव पड़ेगा।
अदालत ने मामले की अंतिम बहस के लिए 7 अक्टूबर की तारीख निर्धारित कर दी है। पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यदि किसी भी चरण पर यह प्रतीत होता है कि नियमों का उल्लंघन हुआ है या प्रक्रिया विधि-विरुद्ध रही है, तो वह स्थिति स्वीकार्य नहीं मानी जाएगी और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे — जिसमें समूची पुनरीक्षण प्रक्रिया का निरस्त कर दिया जाना भी शामिल है।