डीएचएफएल केस में ईडी की अपील पर बोला सुप्रीम कोर्ट, अगर 61/91 दिन तक नहीं की चार्जशीट दाखिल, तो डिफॉल्ट जमानत का हकदार होगा आरोपी

By
Sabal SIngh Bhati - Editor
2 Min Read

नई दिल्ली, 27 मार्च ()। यस बैंक मामले में डीएचएफएल के पूर्व प्रवर्तकों कपिल वधावन और धीरज वधावन को डिफॉल्ट जमानत देने के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि रिमांड के 60/90 दिन तक चार्जशीट दाखिल नहीं करने पर आरोपी डिफॉल्ट जमानत का हकदार है।

न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि रिमांड अवधि की गणना मजिस्ट्रेट रिमांड की तारीख से की जाएगी। अगर रिमांड अवधि के 61वें या 91वें दिन तक चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती है तो आरोपी डिफॉल्ट जमानत का हकदार हो जाता है।

शीर्ष अदालत ने ईडी द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया, जिसमें डीएचएफएल के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन को यस बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी थी।

पीठ ने फरवरी 2021 में दो-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा संदर्भित बड़े मुद्दे का जवाब दिया और मामले से जुड़ी लंबित याचिकाओं को दो-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखने का निर्देश दिया। फरवरी में शीर्ष अदालत ने ईडी की अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

2021 में, शीर्ष अदालत ने एक बड़ी बेंच को कानूनी सवाल भेजा था, क्या जिस दिन किसी अभियुक्त को हिरासत में भेजा गया है, उसे डिफॉल्ट जमानत देने के लिए 60 दिनों की अवधि पर विचार करते हुए शामिल किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने सितंबर 2020 में प्रमोटरों को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।

अगस्त 2020 में, हाईकोर्ट ने वाधवानों को यह कहते हुए जमानत दे दी कि अनिवार्य डिफॉल्ट जमानत चार्जशीट दाखिल न करने की अगली कड़ी है।

/

देश विदेश की तमाम बड़ी खबरों के लिए निहारिका टाइम्स को फॉलो करें। हमें फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर फॉलो करें। ताजा खबरों के लिए हमेशा निहारिका टाइम्स पर जाएं।

Share This Article
Exit mobile version