ट्रॉलिंग नेट का उपयोग करने वाले मछुआरों पर तमिलनाडु सरकार की छापेमारी जारी

Sabal Singh Bhati
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चेन्नई, 23 जनवरी ()। तमिलनाडु का मत्स्य विभाग मरीन फिश रेगुलेशन एक्ट के तहत उन मछुआरों और नाव मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज करेगा जो ट्रॉलिंग नेट का इस्तेमाल करते हैं।

विभाग ने कहा है कि रामेश्वरम के मछुआरे उन नाव मालिकों और मछुआरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जो ट्रॉलिंग नेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस नेट के उपयोग से समुद्री संपदा का क्षरण हो रहा है।

स्थानीय पुलिस द्वारा सहायता प्राप्त मत्स्य विभाग ने कार्रवाई शुरू की और रविवार को 48 मछली पकड़ने वाली नौकाओं और उनके मालिकों पर ट्रॉलिंग नेट का उपयोग करने के लिए केस दर्ज किया। तलाशी अभियान के दौरान मछुआरों के पास से चार टन मछली जब्त की गई।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में ट्रॉलिंग नेट के इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध है। ट्रॉलिंग नेट के इस्तेमाल को लेकर पारंपरिक मछुआरे रामेश्वरम और तमिलनाडु के अन्य तटीय शहरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

रामेश्वरम में एक पारंपरिक मछुआरा संघ के नेता आर अरुमुखन ने को बताया, यहां प्रतिदिन 250 से अधिक मशीनीकृत नौकाएं ट्रॉलिंग नेट का उपयोग कर रही हैं। इसका मतलब है कि दो नावें या नावों की एक जोड़ी समुद्र में लगभग 180- 200 मीटर समुद्र क्षेत्र पर कब्जा कर लेती है और इससे क्षेत्र में स्क्वीड और केकड़े की कमी हो गई है।

हम जैसे पारंपरिक मछुआरे पानी में मछली पकड़ने में सक्षम नहीं हैं। साथ ही, सरकार ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है और हमारे द्वारा विरोध और शिकायतों के बाद मत्स्य विभाग ने आखिरकार कार्रवाई शुरू कर दी है।

सूत्रों के मुताबिक, मत्स्य विभाग रामेश्वरम और अन्य तटीय शहरों में जोड़ीदार ट्रॉलरों पर कार्रवाई जारी रखेगा। मछली पकड़ने की इस प्रथा के खिलाफ विभाग राज्य भर में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है।

एफजेड/एसकेपी

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times