भीलवाड़ा में श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट द्वारा आयोजित चातुर्मास प्रवचन में तेजा दशमी के अवसर पर स्वामी अच्युतानंद ने वीर तेजाजी के जीवन और उनके बलिदान के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि तेजाजी केवल एक योद्धा नहीं थे, बल्कि धर्म और संस्कृति के प्रतीक भी थे।
